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कोर्ट के इस फैसले से 7000 शिक्षक होंगे लाभान्वित


कोर्ट के इस फैसले से 7000 शिक्षक होंगे लाभान्वित
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शिक्षको के लिए कोर्ट का एक फैसला बेहद ही खुश करने वाला आया है। माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक के उन शिक्षको की मान्यता रद्द करने का आदेश शिक्षण विभाग ने दिया था जिनकी नियुक्ति 2 मई 2012 के बाद हुयी थी। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद एजुकेशन कमिश्नर ने 24 अगस्त को मान्यता रद्द करने वाले जीआर को वापस ले लिया। बावजूद इसके शिक्षण उपसंचालक शिक्षको की नियुक्ति के लिए अब आगे की प्रक्रिया नहीं कर रहे हैं जिससे नाराज होकर शिक्षण भारती ने गुरुवार को आन्दोलन किया था। इस आन्दोलन के मद्देनजर शुक्रवार को शिक्षण उप संचालक ने आदेश देते हुए कहा कि जीआर को रद्द किया जायेगा, साथ ही नियुक्त शिक्षक और संबंधित अन्य को सभी लाभ देने का आदेश शिक्षण निरीक्षक को दिया। कोर्ट के इस आदेश से राज्यभर के कुल 7 हजार शिक्षक लाभान्वित होंगे जिनमे से 1300 मुंबई के हैं।

शिक्षा विभाग ने उन शिक्षकों की नियुक्ति को अवैध ठहराया था जिनकी नियुक्ति 2 मई 2012 के बाद हुयी थी। इसके विरोध में शिक्षक भारती ने अनेक बार आन्दोलन भी किया था। यहां तक कि विधायक कपिल पाटिल ने यह मुद्दा विधान परिषद् में भी उठाया था, लेकिन सरकार ने इनकी नियुक्ति को जायज नहीं ठहराया। अंत में शिक्षक भारती ने कोर्ट की शरण ली।

राज्य भर के शिक्षको की तरफ से एडवोकेट नरेंद्र बांदिवडेकर, एड.मिहिर देसाई, एड. समीर दिघे, एड. हनुमंत वाकसे ने अलग अगल प्रकार से कोर्ट में शिक्षको का पक्ष रखा।हाईकोर्ट ने सभी शिक्षको को राहत देते हुए इन्हें वेतन और समुचित लाभ जारी करने का आदेश दिया. साथ ही इनकी सेवा को जरी रखने का भी आदेश दिया।

शिक्षक भारती के प्रमुख कार्यवाहक जालिन्द्र सरोदे ने कहा कि अब शिक्षक निरीक्षकों को जल्द से जल्द सेवा समाप्ति का आदेश वापस लेकर शिक्षको के वेतन बिना विलम्ब के जारी करना चाहिए।


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