मुंबई विश्वविद्यालय लगता है खबरों में रहने का आदी हो गया है। पहले तो छात्रों के परीक्षा परिणामों में देरी की और अब परीक्षा शुल्क को ही दोगुना कर दिया। जिस परीक्षा के पहले 550 रुपये भरने पड़ते थे, अब उस परीक्षा के लि छात्रों को एक हजार रुपये भरने पड़ रहे है। मुंबई विश्वविद्यालय के इस रवैये के कारण छात्रों में काफी गुस्सा है।
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गौरतलब है की विश्विद्यालय ने अभी तक लगभग हजारों छात्रों के परिणाम घोषित नहीं किए है। जिससे छात्र वैसं ही पहले से परेशान है लेकिन अब विश्विद्यालय द्वारा बढा़ए गए परीक्षा फिस के कारण छात्रों को और भी परेशानी हो रही है।
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नवभारत टाईम्स को पूर्व सीनेट सदस्य संजय वैराल ने बताया की विश्वविद्यालय ने परीक्षा विभाग में पारदर्शिता लाने और खर्च कम करने के लिए ऑनलाइन मूल्यांकन शुरू किया है। इससे मानव संसाधन कम लगते हैं और परिवहन आदि पर खर्च नहीं होते हैं। इसलिए ऑनलाइन मूल्यांकन से परीक्षा विभाग पर आर्थिक बोझ कम पड़ेगा। ऐसे में परीक्षा शुल्क को बढ़ाना विश्वविद्यालय की मनमानी है।