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कोरोना वायरस की आड़ में TISS में पढ़ने वाले नार्थ ईस्ट के छात्रों पर नस्लीय टिप्पणी

मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) में पढ़ने वाले पूर्वोत्तर राज्य के छात्रों ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा है कि दुसरे छात्र उनके साथ कोरोनो वायरस की आड़ में नस्लीय भेदभाव कर रहे हैं।

कोरोना वायरस की आड़ में TISS में पढ़ने वाले नार्थ ईस्ट के छात्रों पर नस्लीय टिप्पणी
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मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) में पढ़ने वाले पूर्वोत्तर राज्य के छात्रों ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा है कि दुसरे छात्र उनके साथ कोरोनो वायरस (coronavirus) की आड़ में नस्लीय भेदभाव (racial discrimination ) कर रहे हैं।

हिदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के अनुसार पूर्वोत्तर छात्रों (north east student) के फोरम ने सोमवार को संस्थान को एक खुला पत्र लिखा, जिसमें आरोप लगाते हुए कहा गया है कि, उनका चेहरा चीनी नागरिकों से मिलता है, इसीलिए संस्थान के कुछ छात्र पूर्वोत्तर छात्रों को कोरोना वायरस फैलाने का वाहक बता कर उन पर नस्लीय टिप्पणी की। इस पत्र में कई छात्रों को इस तरह का भेदभाव का सामना करने का दावा किया गया है।

HT की रिपोर्ट के मुताबिक, पत्र में लिखा गया है कि, 10 फरवरी को नागालैंड का रहने वाले एक छात्र और उसके नागालैंड के ही रहने वाले दुसरे  दोस्त पर 'नस्लीय भेदभाव' टिप्पणी की गयी और उनका विडियो बना कर सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया, साथ ही उन पर चीन से कोरोना वायरस लाने का आरोप लगया गया। जब इन छात्रों ने वीडियो बनाने वालों का विरोध किया तो उनके साथ झगड़ा किया गया और उनके धमकी दी गयी।

पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि इन छात्रों को सार्वजनिक रूप से कैम्पस में लोग उनके नाम से नहीं बल्कि 'कोरोना' या 'कोरोना वायरस' के नाम से बुलाया जाता है।

एक छात्र ने कहा, 'भेदभाव का यह रूप, स्वास्थ्य की आड़ में हमारे साथ किया जा रहा है। यह अंतर्निहित नस्लीय पूर्वाग्रहों और विशेष रूप से लोगों की रूढ़िवादिता और सांस्कृतिक हीनता पर आधारित है।'

देश भर में इस तरह के भेदभाव की निंदा करते हुए फोरम ने अब संस्थान के प्रशासन से इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए कहा है ताकि पूर्वोत्तर के छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

फोरम का कहा कि, हम इस मामले को TISS के संबंधित अधिकारियों के संज्ञान में लाना चाहते हैं, जो नस्लीय भेदभाव के प्रति संवेदनशील नार्थ ईस्ट के छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त उपाय करें। हम संबंधित सरकारी निकायों से अनुरोध करते हैं कि वे मुंबई में पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उत्पीड़न और नस्लीय भेदभाव के मामलों को रोकने के लिए उचित कदम उठाएं।

आपको बता दें कि नॉवल कोरोना वायरस (कोविड-19) से अब तक 1770 से अधिक लोगों की जान ले चुका है। साथ ही दुनिया भर में इससे 70,000 से अधिक लोग संक्रमित हैं, जिनमें से अधिकांश मरीज चीन से हैं।  

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