मानव संसाधान विकास मंत्रालय बेसिक शिक्षा में अनिवार्य रूप से हिंदी पढ़ाए जाने के संबंध में नीति बनाने की तैयारी में है। दरअसल मानव संसाधान विकास मंत्रालय की ओर से आठवीं तक पूरे देश में अनिवार्य रूप से हिंदी पढ़ाई जाने की सिफारिश की जाएगी। अगसर यह सिफारिश मान्य हो जाएगी तो पूरे देश में 8 वीं तक हिंदी विषय पढ़ाना अनिवार्य हो जाएगा। फिलहाल गैर हिंदी भाषी क्षेत्रों में हिंदी को अनिवार्य विषय के रूप में स्वीकृति नहीं मिली है।
न्यू एजुकेशन पॉलिसी(एनईपी) के लिए कस्तूरीरंगन कमेटी की ओर से बनाई गई रिपोर्ट्स में तीन भाषीय फॉर्मूले में हिंदी को आठवीं कक्षा तक हिंदी को अनिवार्य विषय बनाया जाएगा। यूनिफॉर्म सेलेबस में गणित और विज्ञान को भी प्रमुखता दी जाएगी। तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गोवा, पश्चिम बंगाल और असम में आठवीं तक हिंदी अनिवार्य रुप से पढ़ाना जरुरी नहीं है।
एचआरडी मंत्रालय ने रिपोर्ट तैयार कर ली है और इसके लिए गठित की गई समिति में सदस्यों की नियुक्ति भी हो गई है। एचआरडी मंत्री जावडेकर ने कई मौकों पर पहले भी कहा कि यह एक निति आधारित दस्तावेज है जो 2020 से 2040 तक की पीढ़ी को शिक्षित करेगी।
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