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मानसून में देरी, हो सकती है पानी की कटौती

यह तीसरी बार है, जब शहर को पिछले छह वर्षों में 10 प्रतिशत से कम पानी का स्टॉक मिला है। यह आमतौर पर अपर्याप्त वर्षा या मानसून में देरी का परिणाम होता है।

मानसून में देरी, हो सकती है पानी की कटौती
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वैसे तो मुंबई में मानसून (monsoon in mumbai) का आगमन हो चुका है, इसके बावजूद बरसात उम्मीद के मुताबिक नहीं हो रही है। अगर यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में मुंबईकरों को पानी की कटौती (water cut in mumbai) का सामना करना पड़ सकता है। बताया जा रहा है कि मुंबई को पानी की आपूर्ति करने वाले झीलों में कुल पानी का केवल 9 फीसदी ही उपलब्ध है।

मिड-डे के अनुसार, 2018 में अपर्याप्त वर्षा के परिणामस्वरूप पिछले साल तक यानी 2019 में  जुलाई तक मुंबईकरों को पानी की कटौती का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 2019 में अच्छी बारिश हुई, कहीं-कहीं यह बारिश तो मानसून के बाद भी होती रही। जिसके परिणामस्वरूप पानी की आपूर्ति करने वाली सभी झीलें लाबलब भर गई। अच्छी बारिश होने के कारण इस गर्मी में लोगों को पानी कटौती का सामना नहीं करना पड़ा।

बारिश न होने का असर अब दिखाई दे रहा है, झीलें लगातार सूख रही हैं। झीलों की कुल 14.47 लाख मिलियन लीटर भंडारण क्षमता में से 1.36 लाख मिलियन लीटर पानी शेष है। यानी एक तरह से शहर के लिए मात्र 29 फीसदी पानी ही झीलों में शेष बचा हुआ है।

 मुंबई को हर दिन 3,800 मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति की जाती है, और जल बोर्ड के अनुमान के मुताबिक, यह एक महीने तक और चलेगा। हाइड्रोलिक विभाग के एक अधिकारी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि, स्थिति पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि शहर में आमतौर पर जुलाई के महीने में सबसे अधिक वर्षा होती है।इसलिए उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय मे शायद अच्छी बारिश हो।

गौरतलब है कि यह तीसरी बार है, जब शहर को पिछले छह वर्षों में 10 प्रतिशत से कम पानी का स्टॉक मिला है।  यह आमतौर पर अपर्याप्त वर्षा या मानसून में देरी का परिणाम होता है।  

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