मुंबईकर आज कल ठंडी (winter) के साथ साथ बरसात (monsoon) के भी मौसम का मजा ले रहे हैं। लेकिन यह मजा उनकी परेशानी का सबब बनता जा रहा है। मुंबईकरों को बरसात के साथ साथ ठंडी का भी सामना करना पड़ रहा है।
बुधवार, 16 दिसंबर को बारिश के बीच मुंबईकरों को शहर का मौसम धुंध से युक्त दिखाई दिया, जिससे दृश्यता यानी विजिबिलिटी कम हो गई थी।
रिपोर्ट के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक (AIQ) पिछले कुछ दिनों 176 (मध्यम) यानी 'संतोषजनक' श्रेणी में था। उसी के बारे में बोलते हुए, स्काईमेट (skymet) के महेश पलावत ने कहा, "मुंबई और उपनगरों के साथ-साथ कोंकण और गोवा (goa) में भी हवाओं के साथ तामान न्यूनतम स्तर पर रहेगा। हवा में जब आर्द्रता बढ़ जाती है, तो यह सुबह के समय में धुंध के रूप में दिखाई देता है, हवा धूल और धुएं के बहुत सारे कण जम जाते हैं। यही प्रदूषण का रूप होता है। ये हानिकारक कण, जल वाष्प में जमा हो जाते हैं जिससे प्रदूषण स्तर बढ़ जाता है। सघन होनेे केे कारण ये कण हवा में नीचे की ही तरफ आते हैं और निचले वातावरण में बने रहते हैं।
यह पूछे जाने पर कि, क्या आगामी दिनों में मौसम की स्थिति बेहतर होने की उम्मीद कर सकते हैं, पलावत ने कहा, “22 या 23 दिसंबर तक, हवा की स्थिति बेहतर होने की उम्मीद है। दिसंबर के अंतिम सप्ताह के दौरान, न्यूनतम तापमान भी गिरना शुरू हो जाएगा, शायद सामान्य से दो से तीन डिग्री अधिक।"
मौसम विशेषज्ञों द्वारा प्रकाशित रिपोर्टों में कहा गया है कि, ठंडी के कारण हवा की गुणवत्ता में काफी गिरावट आई है। भारत के उत्तरी क्षेत्र में इसका प्रभाव पड़ रहा है, जिससे कई व्यक्तियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
डेटा बताता है कि उत्तर में कई इलाकों में वायु गुणवत्ता एक खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। इसका सीधा असर श्वसन संबंधी बीमारियों से ग्रसित लोगों पर पड़ सकता है।