Advertisement

गणपति मंडल से नदारत लाउडस्पीकर !


गणपति मंडल से नदारत लाउडस्पीकर !
SHARES

मुंबई में दहीहांडी, गणेशोत्सव और नवरात्री सहीत कुछ ऐसे त्यौहार है जिनमें लाउड स्पीकर का इस्तेमाल पिछलें कुछ सालों में ज्यादा बढ़ गया था। लेकिन इस साल कानून की सख्ती के कारण गणपति पांडालो से लाउड स्पीकर गायब से हो गए है। गिने चुने मंडलो में ही लाउडस्पीकर देखा जा रहा है वह भी सिर्फ किसी घोषणा के लिए ज्यादातर इस्तेमाल किया जा रहा है।

दरअसल बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक आदेश में प्रशासन को कहा की वह ध्वनिप्रदूषण से जुडे गाईडलाइन्स को सख्ती से लागू करे और सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन का पालन करे। कोर्ट के इस आदेश के बाद पुलिस जगह जगह पर पुलिस डेसीबल यूनिट मशीन लेकर घूम रही है ताकी लाउडस्पीकर की आवाज की जांच की जा सके।

कांदिवली के एक लाउड स्पीकर विक्रेता सुरेश डोके का कहना है की जुर्माना देने और दंडित होने के डर के कारण इस बार कोई भी लाउडस्पीकर विक्रेता किसी भी मंडल को लाउडस्पीकर देने से पहले 10 बार सोचता है, पुलिस मंडलो पर तो कार्रवाई करती है साथ ही लाउडस्पीकर को भी जब्त कर लिया जाता है और उनसे भी जुर्माना वसुला जाता है , जिसके कारण अब कई सारे मंडप डेकोरेशन वालों में लाउडस्पीकर से दूरी बनाने में ही अपनी भलाई समझी है।

मुंबई में गणेश विसर्जन , नवरात्री और दहीहांडी ऐसे मुख्य त्यौहार है जिनमें लाउडस्पीकर वालों की अच्छी खासी कमाई हो जाती है लेकिन इस साल कानून की सख्ती के बाद उनके रोडगार पर भी अगर पड़ा है।


क्या है नियम-

सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन के अनुसार आवासीय इलाकों में साउंड की सीमा 60 डेसीबल से कम होनी चाहिए और साइलेंस जोन में उचित अनुमति के बाद लाउडस्पीकर का उपयोग किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट के इस गाइडलाइन पालन ना करनेवालो को 5 साल तक की जेल और अधिकतम 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।


डाउनलोड करें Mumbai live APP और रहें हर छोटी बड़ी खबर से अपडेट।         

मुंबई से जुड़ी हर खबर की ताज़ा अपडेट पाने के लिए Mumbai live के फ़ेसबुक पेज को लाइक करें।

(नीचे दिए गये कमेंट बॉक्स में जाकर स्टोरी पर अपनी प्रतिक्रिया दे) 

संबंधित विषय
मुंबई लाइव की लेटेस्ट न्यूज़ को जानने के लिए अभी सब्सक्राइब करें