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धारावी कोरोना मुक्ति के कगार पर, सक्रिय मरीजों की संख्या में आई कमी


धारावी कोरोना मुक्ति के कगार पर, सक्रिय मरीजों की संख्या में आई कमी
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एशिया में सबसे बड़ी झुग्गी वाला इलाका मुंबई का  धारावी कोरोना वायरस (Coronavirus in Asia largest slum area dharavi) मुक्ति होने की कगार पर है। मंगलवार रात को प्राप्त आंकड़ों के अनुसार धारावी (dharavi) में अब केवल 86 सक्रिय रोगी बचे हैं। सूत्रों के मुताबिक इन मरीजों का इलाज चल रहा है और उनकी स्थिति में तेजी से सुधार भी हो रहा है।

करीब 6 लाख आबादी वाला इलाका धारावी सबसे घनी आबादी वाला इलाका है। यही कारण है कि जब कोरोना (Covid-19) ने धारावी झुग्गी में दस्तक दी तो नगर पालिका और सरकार की चिंता बढ़ गई।

धारावी में कोरोना संक्रमण के होते तेजी से प्रसार के साथ, स्वास्थ्य प्रणाली और प्रशासन के पास एक गंभीर सवाल था कि इस संक्रमण की श्रृंखला को कैसे तोड़ा जाए? हालांकि, स्थानीय नागरिकों के साथ साथ BMC, गैर सरकारी संगठन, राज्य सरकार के आपसी सहयोग, परिश्रम और दूरदर्शिता के कारण ही आज धारावी ने कोरोना पर नियंत्रण हासिल करने में सफलता हासिल की। यहां तक कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी धारावी पैटर्न की सराहना की।

पिछले कुछ दिनों के आंकड़े बताते हैं कि धारावी में कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई अब अपने अंतिम चरण में हैं, अगर सब कुछ सही रहा तो आने वाले कुछ समय बाद ही धारावी के कोरोना मुक्त होने की खुशखबरी मिल सकती है।

BMC के स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार को धारावी में केवल 11 नए मरीज पाए गए। तो वहीं, धारावी में कुल मरीजों की संख्या 2392 तक पहुंच गई है। इन आंकड़ों से चिंतित होने का कोई कारण नहीं है।क्योंकि इन मरीजों में से केवल 86 ही सक्रिय रोगी हैं। इन मरीजों का अभी इलाज चल रहा है। बाकी मरीज ठीक होकर घर लौट आए हैं। विशेष रूप से, पिछले एक महीने में धारावी में कोरोनोवायरस से एक भी मरीज संक्रमित नहीं हुआ है। कोरोना का पहला मरीज 1 अप्रैल को धारावी में मिला था।

धारावी में "चेस द वायरस" (chase the virus) पहल के माध्यम से ट्रेसिंग, ट्रैकिंग, टेस्टिंग, और ट्रिटिंग की अवधारणा को चार स्तरों पर लागू किया गया था। इस अभियान में, डॉक्टरों और निजी अस्पतालों द्वारा 47,500 घरों की जांच की गई।  3.6 लाख लोग स्कैन किए गए। प्रो एक्टिव स्क्रीनिंग, बुखार शिविर यानी फीवर सेंटर, जल्द पता लगाने यानी अर्ली डिटेक्शन सेंटर, अच्छी तरह से सुसज्जित स्वास्थ्य सुविधाओं और क्वारंटाइन सेंटरों जैसी कई सुविधाओं ने कोरोना को नियंत्रित करने में मदद की। धारावी में, 14 हजार 970 लोगों को मोबाइल वैन से स्कैन किया गया। 8246 वरिष्ठ नागरिकों की जांच और सर्वेक्षण किया गया।  14,000 लोगों को संस्थागत रूप से अलग और अलग किया गया था।  इसके अच्छे परिणाम भी दिखे।

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