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मुंबई : पांचवा सीरो सर्वे 15 जुलाई से होगा शुरू

इस सीरो सर्वे में बच्चों को छोड़कर शहर के सभी आयु के लोगों का सर्वेक्षण में इस बात की जानकारी जुटाई जाएगी कि उनमें कोरोना वायरस से लड़ने वाली कितनी एंटीबॉडी विकसित हुई है।

मुंबई : पांचवा सीरो सर्वे 15 जुलाई से होगा शुरू
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मुंबई में कोरोना की दूसरी लहर (second wave of covid19 in Mumbai) के बाद अब तीसरी लहर के आने का अंदेशा जताया जा रहा है। इसी बीच मुंबई में बच्चों पर हुए सीरो सर्वे (sero survey) के बाद अब पांचवा सीरो सर्वे शुरू किया जाएगा जो 15 जुलाई से शुरू होगा। इस सीरो सर्वे में बच्चों को छोड़कर शहर के सभी आयु के लोगों का सर्वेक्षण में इस बात की जानकारी जुटाई जाएगी कि उनमें कोरोना वायरस (coronavirus) से लड़ने वाली कितनी एंटीबॉडी विकसित हुई है।

इस बारे में मुंबई महानगर पालिका (brihanmumbai municipal corporation) के एक अधिकारी ने बताया कि, कोरोना की आने वाली तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए पांचवे सीरो सर्वे किया जाएगा। इससे यह पता लगाया जाएगा कि मुंबई में कितने लोगों में एंटीबॉडी (anti body) तैयार हुई है।

अधिकारी के अनुसार, बीएमसी (BMC) के सभी 24 वार्डों में सीरो सर्वे करने की तैयारी की गई है। हाल ही में बच्चों का सर्वेक्षण किया गया जिसमें पाया गया कि 1 से 18 साल की उम्र के लोगों में 51.18 फीसदी एंटीबॉडी विकसित हुई है।

इस बीच, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटर रिसर्च (TIFR) ने भी अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित हुए लोगों का डाटा तैयार किया है जिसमें कहा गया है कि, मुंबई में तीसरी लहर खतरनाक होने की संभावना बहुत कम है। जब तक कि कोरोना वायरस (Covid19) किसी दूसरे वैरिएंट के साथ न आए।

टीआईएफआर ने बताया कि, मुंबई में स्लम इलाके में 90 फीसदी और बिल्डिंगों में 70 फीसदी लोग कोरोना वायरस के संक्रमण में आ चुके हैं।

हालांकि बीएमसी अधिकारियों ने यह आशंका व्यक्त की है कि जब पहली लहर में स्लम इलाको में कोरोना का ज्यादा असर देखने को मिला था जबकि दूसरी लहर में बिल्डिंगों में कोरोना का असर अधिक था तो ऐसे में तीसरी लहर का असर फिर से स्लम इलाकों में अधिक हो सकता है?

गौरतलब है कि, बीएमसी ने पहला और दूसरा सीरो सर्वे क्रमश: जुलाई और अगस्त 2020 में कराया था। उसके बाद पिछले साल यानी अप्रैल 2021 में तीसरा सीरो सर्वे हुआ था। जिसमें 10 हजार लोगों के नमूने लिए गए थे। इसमें झुग्गी बस्तियों में पहले की अपेक्षा कम एंटीबॉडी मिली थी। वहीं, गैर झुग्गी बस्तियों में 28 फीसदी एंटीबॉडी पाई गई थी।

यह भी पढ़ें: कोरोना की तीसरी लहर, जानें बचने के तरीके

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