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कोरोना से होने वाली मौत का कारण हैं शरीर के जीन्स


कोरोना से होने वाली मौत का कारण हैं शरीर के जीन्स
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कोरोना वायरस (corona virus) से दूनिया भर में लाखों लोगों की मौत हुई। इनमें जहां अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और इटली जैसे विकसित देशोबके लोग शमिल थे, तो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ्रीकी देश जैसे विकासशील और अविकसित देश के नागरिक भी शामिल हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, इस वायरस (virus) से सबसे अधिक बुजीर्गों को खतरा था। इस वायरस की चपेट में वे बुजुर्ग अधिक आएं, जो पहले से ही किसी न किसी बीमारी से ग्रसित थे। हालांकि मौत के आंकड़े में युवा वर्ग के लोग शामिल थे। 

साथ ही यह भी देखने को मिला, इस वायरस को कई बुजुर्गों ने मात दी, तो कई युवा इसके शिकार भी हुए।

अब सवाल यह उठता है कि, आखिर यह वायरस किन लोगों के लिए जानलेवा साबित होता है। अगर रिसर्च रेपोर्ट की मानें तो, ब्रिटेन के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने मरीजों के डीएन का अध्ययन करके इस बात का पता लगाया कि, शरीर में मौजूद पांच तरह के जीन के कारण कोरोना संक्रमण ज्यादा घातक होता है। 

इस रिसर्च से इस बात से इस बात का पता चल ही गया कि आखिर क्यों कोरोना वायरस कुछ लोगों पर जानलेवा साबित होता है जबकि कई मरीज आसानी से ठीक हो जाते हैं। 

एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के शैक्षणिक सलाहकार व शोधकर्ता केनेथ बाल्ली का कहना है कि, शरीर में मौजूद पांच जीन टीवाईके2, सीसीआर2, ओएएस1, आईएफएनएआर2 और डीपीपी9 की मौजूदगी के कारण कुछ लोगों पर कोरोना का असर जानलेवा होता है, जबकि कई लोगों पर संक्रमण का असर नहीं होता।

यह अध्ययन करने के लिए वैज्ञानिकों ने ब्रिटेन के 208 आईसीयू यूनिट में भर्ती रहे लगभग 3000 मरीजों के डीएनए डाटा का विश्लेषण किया। साथ ही, इन मरीजों के डाटा की तुलना ब्रिटेन के अन्य एक लाख लोगों से की। वैज्ञानिकों ने पाया कि इन्हीं पांच तरह के जीन के कारण शरीर में दो प्रकार के असर होते हैं। पहला असर एंटीवायरल इम्युनिटी और दूसरा असर लंग इंफ्लेमेशन से जुड़ा है।

शोधकर्ताओं ने जिन 2700 मरीजों पर अध्ययन किया, उनमें से 22 फीसदी मरीजों की मौत हो गई। इन मरीजों में सांस न ले पाने की समस्या थी, जिसके कारण उन्हें वेंटिलेटर दिया गया था। 

प्रतिष्ठित नेचर पत्रिका में प्रकाशित हुए इस अध्ययन के जरिए वैज्ञानिक पहले से उपलब्ध दवाओं का नैदानिक परीक्षण करके एंटीवायरल इम्युनिटी और लंग इंफ्लेमेशन को लक्षित करते हुए कोरोना संक्रमण की दवा बना सकते हैं। 

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