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कोवैक्सिन की अपेक्षा कोविशील्ड की पहली डोज अधिक इम्युनिटी बनाती है : ICMR

ICMR के प्रमुख डॉ. बलराम भार्गव ने कहा है कि, सरकार द्वारा कोविशील्ड (Covishield) की दो खुराको के बीच के अंतराल को बढ़ाकर 12 से 18 सप्ताह करने पर कुछ दिनों बाद, पहले शॉट के बाद प्रतिरक्षा काफी मजबूत पाई गई है।

कोवैक्सिन की अपेक्षा कोविशील्ड की पहली डोज अधिक इम्युनिटी बनाती है : ICMR
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भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (indian Council of Medical Research) के प्रमुख डॉ. बलराम भार्गव ने कहा है कि, सरकार द्वारा कोविशील्ड (Covishield) की दो खुराको के बीच के अंतराल को बढ़ाकर 12 से 18 सप्ताह करने पर कुछ दिनों बाद, पहले शॉट के बाद प्रतिरक्षा काफी मजबूत पाई गई है। जबकि कोवैक्सिन के लिए चार सप्ताह का अंतर ही काफी है क्योंकि प्रारंभिक शॉट के बाद प्रतिरक्षा उतनी अधिक नहीं पाई जा रही है।

डॉ भार्गव ने आगे बताया कि, कोविशील्ड के लिए तीन महीने के अंतराल को अनिवार्य करने से बेहतरीन परिणाम मिलेंगे। तो दूसरी ओर, कोवैक्सिन (Covaxine) के पहले शॉट के बाद प्रतिरक्षा स्तर उतना अधिक नहीं होता है और इसका मतलब है कि दूसरी खुराक चार सप्ताह के अंदर ही ली जानी चाहिए ताकि पूर्ण प्रभावकारिता सुनिश्चित हो सके।

बता दें कि Covaxin एक स्वदेशी वैक्सीन है जिसका निर्माण हैदराबाद स्थित जैव प्रौद्योगिकी कंपनी, भारत बायोटेक (bharat biotech) द्वारा किया जा रहा है।जबकि पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका COVID-19 वैक्सीन 'कोविशील्ड' का निर्माण कर रही है।

भार्गव ने यह भी सिफारिश की कि, जिन लोगों को पहली खुराक लेने के बाद कोरोना वायरस (Coronavirus) होता है तो उन्हें टीकाकरण की दूसरी खुराक के लिए तीन महीने इंतजार करना चाहिए। आकलन के आधार पर यह सलाह दी गई है कि जो लोग बीमारी से ठीक हो जाते हैं उनमें एंटी बॉडीज होती हैं। जबकि राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह के मुताबिक, जो लोग COVID-19 से ठीक हो गए हैं, उन्हें ठीक होने के छह महीने बाद कोरोना वायरस का टीका लगवाना चाहिए।

गौरतलब है कि, यह तीन महीने में दूसरी बार है जब कोविशील्ड डोज के अंतराल को बढ़ाया गया। मार्च में, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को "बेहतर परिणामों के लिए" अंतराल को 28 दिनों से बढ़ाकर छह से आठ सप्ताह करने के लिए कहा गया है।

भले ही क्लिनिकल ट्रायल में, टीके का टेस्ट केवल 28 दिनों के अंतराल के साथ किया गया है, कोविशील्ड डोज के अंतराल में वृद्धि करने पर इसे बढ़ी हुई प्रभावकारिता से जोड़ा जा रहा है।

हालाँकि, आलोचक यह भी कह रहे हैं कि यह निर्णय किसी वैज्ञानिक तर्क के बजाय टीके की कमी से लिया गया है।

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