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सोनोग्राफी केंद्र चलाने वाले डॉक्टरों को मिलेगा प्रशिक्षण

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक, सोनोग्राफी सेंटर चलानेवाले डॉक्टरों की परीक्षा प्रशिक्षण के लिए एक समिति की स्थापना करनी चाहिए।

सोनोग्राफी केंद्र चलाने वाले डॉक्टरों को मिलेगा प्रशिक्षण
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा की  सोनोग्राफी सेंटर चलानेवाले डॉक्टरो का परीक्षा और प्रशिक्षण होना चाहिये और साथ ही  विशेषज्ञों की एक समिति की स्थापना करनी चाहिए।  जिसके बाद राज्य के स्वास्थ मंत्री दीपक सावंत ने कहा की परीक्षा की प्रक्रिया तीन महिने में पूरी होगी और इसके साथ ही नर्सिंग होम की जांच भी शुरु की जाएगी और 15 मई के पहले इसे खत्म किया जाएगा।


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जन्मपूर्व गर्भावस्था सेक्स टेस्ट प्रोवेंस (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम के तहत, राज्य समिति की बैठक मंत्रालय में हुई थी। जिसमें स्वास्थ मंत्री दिपक सावंत ने कहा की सुप्रीम कोर्ट ने सोनोग्राफी चलाने वाले डॉक्टरों की परीक्षा और प्रशिक्षण के आदेश दिये है जिसका पालन किया जाएगा।


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राज्य में परीक्षा लेने के मेडिकल शिक्षा विभाग के विशेषज्ञ और रेडियोलिस्ट की एक समिति का गठन की जाएगी और अगले तीन महीनों में इस परीक्षा को पूरा किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सोनोग्राफी केंद्र चलाने वाले डॉक्टरों को सरकारी या नगरपालिका अस्पतालों में प्रशिक्षित दिया जाना चाहिए।


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पिछले साल नर्सिंग होम इंस्पेक्शन अभियान चलाया गया था। 6600 नर्सिंग होम में कागजात संबंधित कमियां पाये जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की। स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देश दिए कि काम 15 मई तक पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पुराने सोनोग्राफी मशीन को खत्म करने की प्रक्रियाओं के बारे में तत्काल दिशानिर्देश जारी किए जाने चाहिए।

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