Advertisement

अब मेडिकल स्टोर्स पर नहीं मिलेगी सर्दी, सिरदर्द, बुखार जैसी कई बीमारीयों वाली गोलियां

इनके हानिकारक प्रभावों को देखते हुए ड्रग टेक्नोलॉजी एडवाइजरी बोर्ड (डीएटीबी) ने मंत्रालय को इस तरह की सिफारिश भेजी थी, जिसके बाद अब सरकार ने इन दवाइयों को बैन करने की अधिसूचना जारी कर दी है।

अब मेडिकल स्टोर्स पर नहीं मिलेगी सर्दी, सिरदर्द, बुखार जैसी कई बीमारीयों वाली गोलियां
SHARES

केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए एक नए अधिसूचना के तहत अब अब मेडिकल स्टोर पर आसानी से मिलने वाली दर्द निवारक और कफ सिरप जैसी दवाएं जैसे सिरदर्द, जुकाम, दस्त, पेट दर्द जैसी 343 से अधिक दवाएं नहीं मिलेंगी। हानिकारक होने की वजह से अब इनकी बिक्री पर रोक लगा दी गयी है। 


इसीलिए की गयी प्रतिबंधित 

कई बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दो या दो से अधिक सामग्रियों के मिश्रण से एक निश्चित खुराक का पैक फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) कहलाता है। इनके हानिकारक प्रभावों को देखते हुए ड्रग टेक्नोलॉजी एडवाइजरी बोर्ड (डीएटीबी) ने मंत्रालय को इस तरह की सिफारिश भेजी थी, जिसके बाद अब सरकार ने इन दवाइयों को बैन करने की अधिसूचना जारी कर दी है। हालांकि डीएटीबी ने यह सिफारिश पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दी थी। 

डीएटीबी ने कहा है कि ये दवाएं मरीजों के लिए खतरनाक होती है. ये दवाएं सस्ती होती है और तुरंत दर्द निवारक होती है इसीलिए लोग इनका सेवन धड़ल्ले से करते हैं। इनका सेवन पुरुषों के अलावा महिलायें और बच्चे भी बड़ी मात्रा में करते हैं।


तो हो सकती है कार्रवाई 

प्रतिबंधित दवाइयों में 6 हजार से अधिक ब्रांड शामिल हैं, जिनमें सेरिडॉन, कोरेक्स, विक्स एक्शन 500, फेंसिडील, जिंटाप, डिकोल्ड जैसी फेमस दवाइयां भी शामिल हैं। नए कानून के मुताबिक अब अगर किसी भी मेडिकल स्टोर्स पर ऐसी दवाइयां बिक्री में पाई जाती हैं तो ड्रग इंस्पेक्टर उक्त मेडिकल स्टोर सील कर सकता है और मेडिकल स्टोर मालिक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर सकता है। अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि बड़ी कंपनियां सरकार के इस फैसले के खिलाफ कोर्ट में भी जा सकती हैं।


बड़ी कंपनियों को हो होगा नुकसान

अक्सर ये दवाइयां डॉक्टरों की पर्ची के बगैर भी लोग खरीद सेवन करते थे, यही नहीं लोग इन्हे अपने घरों में भी हेमशा रखा करते हैं। ये सभी दवाइयां फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) कैटगरी की हैं जिनका कारोबार करीब 4 हजार करोड़ रुपये का है। इनके बंद होने से सन फार्मा, सिप्ला, वॉकहार्ट और फाइजर, एबॉट, पीरामल, मैक्लिऑड्स, सिप्ला और ल्यूपिन जैसी बड़ी कंपनियों की कमाई प्रभावित होने के अनुमान लगाया जा रहा है। 

Read this story in मराठी or English
संबंधित विषय
Advertisement
मुंबई लाइव की लेटेस्ट न्यूज़ को जानने के लिए अभी सब्सक्राइब करें