किंग एडवर्ड स्मारक यानी KEM अस्पताल में 20 साल से चल रहे 'तम्बाकू बैंड' क्लिनिक का जीर्णोद्धार और नवीनीकरण करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए अस्पताल प्रशासन ने बजाज इलेक्ट्रिकल फाउंडेशन के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। (Mumbai Tobacco cessation clinic at KEM Hospital to be updated)
तम्बाकू धूम्रपान की आदत कई अन्य व्यसनों को जन्म देती है। यह कई बीमारियों को आमंत्रित करती है। यह लत किशोरों और युवा पीढ़ी में भी पाई जाती है। केईएम अस्पताल के मनोचिकित्सा विभाग में 1991 से 'ड्रग एडिक्शन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' चल रहा है। साथ ही, 20 साल से हर बुधवार सुबह 'तम्बाकू बैंड क्लिनिक' का आयोजन किया जाता है।
व्यसनग्रस्त रोगियों को धूम्रपान छोड़ने में मदद करने के लिए निकोटीन प्रतिस्थापन, फार्माकोथेरेपी (वेरेनिकलाइन/बुप्रोपियन), परामर्श और व्यवहार संशोधन सेवाओं जैसे हस्तक्षेप लागू किए जाते हैं।
केईएम अस्पताल की इस पहल में योगदान देने के लिए बजाज इलेक्ट्रिकल फाउंडेशन ने पहल की है। बजाज इलेक्ट्रिकल फाउंडेशन (बीईएफ) के सामाजिक दायित्व कोष (सीएसआर फंड) केईएम अस्पताल में 'तम्बाकू बैंड क्लिनिक' को अपडेट करेगा। इस पहल से मरीजों के पंजीकरण, मुफ्त दवा और सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रमों में मदद मिलेगी।
अस्पताल की संस्थापक डॉ. संगीता रावत और बजाज फाउंडेशन की विशेष कार्यकारी अधिकारी मधुरा तलेगांवकर ने इस संयुक्त उद्यम के लिए एक साल के एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इसके जरिए 'तम्बाकू बैंड क्लिनिक' के जरिए मरीजों को अधिक आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना संभव होगा।
एक सर्वेक्षण के अनुसार, 2016-17 में भारत में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के कुल 28.7 करोड़ नागरिक तंबाकू उपयोगकर्ता हैं। इसी सर्वेक्षण के अनुसार, 5 में से 1 वयस्क (यानी लगभग 20 करोड़) धूम्रपान रहित तंबाकू का उपयोग करते हैं, जबकि 10 में से 1 वयस्क (10 करोड़ से अधिक) तंबाकू का सेवन करते हैं।
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