Advertisement

पश्चिम रेलवे का जगजीवन राम अस्पताल कोरोना मरीज़ों के लिए बना संजीवनी

पश्चिम रेलवे का जगजीवन राम अस्पताल (jagjeevan ram hospital) आइसोलेशन वार्ड (isolation ward) के लिए 172 बेड उपलब्ध कराकर युद्ध स्तर पर कोरोना वायरस (Coronavirus) के इलाज में अहम भूमिका निभा रहा है।

पश्चिम रेलवे का जगजीवन राम अस्पताल कोरोना मरीज़ों के लिए बना संजीवनी
SHARES

कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus pandemic) के कारण घोषित लॉकडाउन (lock down) के दौरान, पश्चिम रेलवे (western railway) का चिकित्सा विभाग कोविड-19 (Covid-19) के इस भयावह समय से निपटने हेतु अपने सभी अस्पतालों को मुस्तैद कर सक्रिय रूप से अपने कर्तव्यों का निर्वहन बखूबी कर रहा है। इसी क्रम में पश्चिम रेलवे का जगजीवन राम अस्पताल (jagjeevan ram hospital) आइसोलेशन वार्ड (isolation ward) के लिए 172 बेड उपलब्ध कराकर युद्ध स्तर पर कोरोना वायरस (Coronavirus) के इलाज में अहम भूमिका निभा रहा है। अब तक इस अस्पताल में कुल 555 मरीजों का इलाज किया गया है, जिनमें से 341 मामले पॉज़िटिव थे तथा 179 मरीजों को इलाज के पश्चात अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। 150 अन्य संदिग्ध मामलों को उचित उपचार के पश्चात डिस्चार्ज कर दिया गया है।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी रविन्द्र भाकर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इस कठिन परिस्थिति के दौरान इनडोर मरीज़ों एवं आइसोलेशन वार्ड में कार्यरत कर्मचारियों की देखभाल के साथ-साथ मनोबल में वृद्धि करने हेतु जगजीवन राम अस्पताल में कुछ विशेष कदम उठाए हैं:-

• कर्मचारियों एवं रोगियों हेतु हॉट एवं कोल्ड वॉटर डिस्पेंसर की व्यवस्था की गई है। प्रत्येक वार्ड में 20 लीटर का वॉटर डिस्पेंसर रखा गया है तथा हर रोगी को सुबह तथा शाम 1 लीटर पानी की बोतल दी जाती है।

• रोगियों को घर पर पके भोजन की एक दिन में तीन बार डिलीवरी की व्यवस्था की गई है। यथोचित हाइजीन बनाए रखने हेतु रोगियों को डिस्पोजल बर्तनों में भोजन दिया जाता है।

• रोगियों के बेहतर प्रबंधन हेतु प्रत्येक मंज़िल पर स्मार्टफोन्स की व्यवस्था की गई है। ईसीजी, एक्स-रे, लैब जांच की रिपोर्ट को स्मार्ट फोनों के द्वारा संप्रेषित किया जाता है।

• बाहरी परामर्शदाताओं से भी परामर्श किया जाता है, जिससे मामलों के प्रबंधन के संबंध में परामर्शदाता तथा आइसोलेशन टीम के बीच में बेहतर तालमेल विकसित होता है।

• रोगी अपने स्वजनों को अपने स्वास्थ्य की स्थिति अवगत कराने हेतु फोन कॉल कर सकते हैं।

• डॉक्टर नर्स एवं अन्य पैरामेडिकल कर्मचारी 7 दिन में 8-8 घंटे की ड्यूटी करते हैं। इसके बाद, वह अगले 7 दिन क्वॉरेंटाइन तथा ऑब्जर्वेशन में रहते हैं।

• मुंबई सेंट्रल, दादर, मरीन लाइन्स तथा फोर्ट के दो होटलों में 180 कर्मचारियों के रहने की व्यवस्था की गई है।  

  • कर्मचारियों एवं डॉक्टरों के लिए भोजन की व्यवस्था की जाती है। कर्मचारियों के आवागमन हेतु मिनी बस भी किराए पर ली गई है।

• मनोचिकित्सक तथा क्लिनिकल मनोविज्ञानी द्वारा राउंड करके मरीज़ों से चर्चा कर एवं उन्हें सलाह देकर मनोवैज्ञानिक सपोर्ट भी दिया जा रहा है, जिससे उनके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

Read this story in मराठी
संबंधित विषय
Advertisement
मुंबई लाइव की लेटेस्ट न्यूज़ को जानने के लिए अभी सब्सक्राइब करें