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वैक्सीन ट्रायल के लिए नहीं मिल रहे हैं बच्चे, पैरेंट्स नहीं दे रहे हैं मंजूरी

यह वैक्सीन ज़ायडस कैडिला फार्मा कंपनी द्वारा निर्मित है। वैक्सीन का नाम जायकोव-डी है, जो कि पहली DNA बेस्ड वैक्सीन है।बयह फार्मा कंपनी अहमदाबाद में स्थित है।

वैक्सीन ट्रायल के लिए नहीं मिल रहे हैं बच्चे, पैरेंट्स नहीं दे रहे हैं मंजूरी
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मुंबई (mumbai) में बीएमसी (BMC) द्वारा संचालित अस्पताल नायर हॉस्पिटल (nair hospital) में 13 जुलाई से 12 से लेकर 17 वर्ष के बच्चों के लिए ज़ायडस कैडिला (zydus candila) के जायकोव-डी (Zycov-D) वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल शुरू हुआ है। लेकिन इस क्लीनिकल ट्रायल में मुश्किल सामने आ रही है क्योंकि मुंबई के इस अस्पताल में ट्रायल के लिए बच्चे नहीं मिल रहे है। जहां 50 बच्चों की ज़रूरत है वहाँ सिर्फ़ अभी तक मात्र 5 बच्चों का ही रजिस्ट्रेशन हुआ है जिन्हें अब तक वैक्सीन (vaccine) की पहली डोज़ लग सकी है। बता दें कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर (third wave of covid19) का सबसे अधिक बच्चों पर प्रभाव पड़ने की आशंका जताई गई है।

न्यूज़ चैनल NDTV के मुताबिक, ट्रायल के लिए 50 बच्चों की ज़रूरत है पर अब तक पाँच बच्चों ने ही रजिस्ट्रेशन करवाकर वैक्सीन की पहली डोज़ ली है। वॉलंटीयर्स को इस वैक्सीन की कुल तीन खुराक चार हफ़्तों के अंतराल में दी जानी है।

यह वैक्सीन ज़ायडस कैडिला फार्मा कंपनी द्वारा निर्मित है। वैक्सीन का नाम जायकोव-डी है, जो कि पहली DNA बेस्ड वैक्सीन है।बयह फार्मा कंपनी अहमदाबाद में स्थित है।

नायर अस्पताल (nair hospital) मुंबई का पहला अस्पताल बन गया है जिसने बच्चों के बीच इस वैक्सीन का क्लिनिकल परीक्षण शुरू किया है।

बताया जा रहा है कि पैरेंट्स बड़ी कम संख्या में या कहे कि न के बराबर बच्चों को यहां ला रहे हैं।प्रोटोकॉल के मुताबिक ट्रायल के लिए लिखित सहमति के साथ-साथ बच्चों के माता-पिता की ऑडियो-विजुअल सहमति भी जरूरी है। अस्पताल की तरफ से दो हेल्पलाइन नंबर- 022-23027205 और 23027204 भी शुरू किए हैं,  ताकि जो पैरेंट्स अपने बच्चों को इस परीक्षण में नामांकित करना चाहते हैं, वे इन नंबरों पर कॉल कर अपनी शंकाओं को दूर कर सकते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, नायर अस्पताल के डीन डॉ. रमेश भरमाल कहते हैं, 'पैरेंट्स में जागरूकता की कमी है जिससे उनके मन में डर बैठ गया है।इसी वजह से वे बच्चों को लाने से डर रहे हैं। हमें अभी तक केवल पांच बच्चे मिले हैं, जिन्होंने वैक्सीन का पहला शॉट लिया है। माता-पिता को ZyCoV-D के परीक्षण के लिए आगे आना चाहिए। जब तक परीक्षण पूरा नहीं हो जाता, टीकाकरण बच्चों के लिए शुरू नहीं हो पाएगा।'

गौरतलब है कि, अभी हाल ही में मुंबई के दादर (dadar) में बच्चों पर वैक्सीन ट्रायल को लेकर आपत्ति जताते हुए महिलाओं सहित कुछ लोगों ने एक धरना भी दिया था।

बीएमसी (BMC) के आंकड़ें के मुताबिक, मुंबई में कुल संक्रमितों में 6.41% कोविड के मरीज़ 19 साल से नीचे के थे।

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