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मुंबई कोस्टल रोड परियोजना- दूसरी भूमिगत सुरंग खोदने मे कामयाबी

टीबीएम मशीन के द्वारा हासिल की गई ये सफलता

मुंबई कोस्टल रोड परियोजना-  दूसरी भूमिगत सुरंग खोदने मे कामयाबी
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टीबीएम मशीन ने मुंबई कोस्टल रोड परियोजना के टनलिंग चरण को पूरा कर लिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विश्वास व्यक्त किया कि यह परियोजना मुंबईकरों की यात्रा को स्वस्थ, आरामदायक और ट्रैफिक जाम से मुक्त बनाएगी। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह परियोजना मुंबई के बुनियादी ढांचे के लिए एक महत्वपूर्ण अतिरिक्त है। (Breakthrough for 2nd underground tunnel of Mumbai Coastal Road Project)

मुंबई कोस्टल रोड परियोजना में स्वराज्यभूमि-गिरगांव चौपाटी और प्रियदर्शिनी पार्क के बीच सुरंग खोदने का अंतिम चरण- ब्रेक थ्रू के काम की शुरुआत  मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे  और  उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथो किया गया।  (Mumbai transport news) 

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्रपति संभाजी राजे के नाम पर इस   कोस्टल रोड   परियोजना का नाम पहले ही घोषित किया जा चुका है, एमटीएचएल समुद्री पुल भी अब पूरा हो रहा है।  इस रूट को बाद में वर्ली से जोड़ा जाएगा। इससे पश्चिमी राजमार्ग पर दबाव कम होगा। विभिन्न मेट्रो लाइनों, फ्लाईओवरों के पूरा होने से पश्चिमी उपनगरों के नागरिकों को राहत मिलेगी। (Mumbai coastal raod) 

उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह मुंबई के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है। टनलिंग के इस चरण का पूरा होना इस परियोजना में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। हम भाग्यशाली हैं कि इन पलों के साक्षी बने हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना के क्रियान्वयन के लिए विशेष सहयोग दिया है।

मुख्यमंत्री शिंदे इस प्रोजेक्ट के काम की लगातार मॉनिटरिंग भी कर रहे थे और यह प्रोजेक्ट जल्द ही पूरा हो जाएगा। कोशिश की जा रही है कि इसे आम लोगों के लिए खोला जाए। यह नागरिकों की दैनिक परिवहन सुविधा में एक महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।

मुंबई कोस्टल रोड परियोजना के बारे मे

  • यह टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) द्वारा खुदाई की जाने वाली भारत की सबसे बड़ी सुरंग (व्यास 12.19 मीटर) है।
  • परियोजना में सुरंग 375 मिमी है जिसमे  मोटी कंक्रीट की परत है  उस पर आग से बचाव के उपायों के तहत फायरबोर्ड की व्यवस्था
  • भारत में पहली बार सैकार्डो वेंटिलेशन सिस्टम की प्रणाली है।
  • ट्विन टनल के लिए अद्यतन यातायात प्रबंधन नियंत्रण प्रणाली की व्यवस्था। भारत में पहली बार मोनोपिल्स का निर्माण।

  • प्रिंसेस स्ट्रीट फ्लाईओवर से बांद्रा-वर्ली सी ब्रिज वर्ली एंड तक यह सिंगल प्रोजेक्ट, रोड, ब्रिज, एलिवेटेड रोड, अंडरपास, कवर्ड टनल, समुद्र के साथ-साथ हिल टनल, ग्रीन एरिया का निर्माण।
  • यह  कोस्टल रोड लगभग 70 प्रतिशत समय, 34 प्रतिशत ईंधन की बचत करेगी
  • ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण को कम करने में मदद 
  • हरित क्षेत्रों में साइकिल ट्रैक, सार्वजनिक पार्क, जॉगिंग ट्रैक, ओपन थियेटर आदि शामिल हैं।
  • वर्ली में हजीअली और महालक्ष्मी मंदिर दोनों में पार्किंग की सुविधा उपलब्ध 
  • परियोजना की अनुमानित लागत रु. 12 हजार 721/- करोड़ 
  • सड़क की लंबाई – 10.58 कि.मी.
  •  लेन की संख्या - 8 (4+4), (सुरंगों में 3+3)

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