Advertisement

खस्ताहाल इमारतों की हो मरम्मत- विनोद घोसालकर

मुंबई इमारत मरम्मत व पुनर्रचना मंडल के सभापती विनोद घोसालकर ने इमारतों की मरम्मत पर जोर दिया है। उनका कहना है कि खस्ताहाल हो चुके इमारत का मरमम्त होना चाहिए. क्योंकि खस्ताहाल इमारत के बावजूद लोग अपने घर को छोड़कर ट्रांजिट कैंप में जाने के लिए तैयार नहीं होते हैं। इसीलिए इमारतों का मरम्मत करने की जरूरत है।

खस्ताहाल इमारतों की हो मरम्मत- विनोद घोसालकर
SHARES

मुंबई के 16 हजार उपकर प्राप्त खस्ताहाल इमारतों की समीक्षा की जाएगी। इस बार बारिश को देखते हुए खतरनाक और अत्यंत खतरनाक इमारतों की श्रेणी बनाने की बजाय सभी इमारतों की एक साथ समीक्षा होगी। मुंबई इमारत मरम्मत व पुनर्रचना मंडल ने इमारत के साथ ट्रांजिट कैंप में दिए गए घरों और पुनर्विकास के कार्यों की समीक्षा करने का निर्णय लिया है।

बीएमसी ने निर्णय लिया है कि मानसून आने से पहले 16 हजार उपकर प्राप्त पुरानी इमारतों की समीक्षा की जाएगी। यही नहीं बीएमसी ने इस बार इमारत के साथ-साथ ट्रांजिट कैंप में दिए गए घरों और पुनर्विकास के कार्यों की समीक्षा करने का निर्णय लिया है।

मुंबई इमारत मरम्मत व पुनर्रचना मंडल के सभापती विनोद घोसालकर ने इमारतों की मरम्मत पर जोर दिया है। उनका कहना है कि खस्ताहाल हो चुके इमारत का मरमम्त होना चाहिए. क्योंकि खस्ताहाल इमारत के बावजूद लोग अपने घर को छोड़कर ट्रांजिट कैंप में जाने के लिए तैयार नहीं होते हैं। इसीलिए इमारतों का मरम्मत करने की जरूरत है।

आपको बता दें कि हर साल मानसून आगमन से से पहले खस्ताहाल हो चुके इमारतों की समीक्षा म्हाडा की तरफ से किया जाता है। म्हाडा खस्ताहाल हो चुके इमारतों के बाहर सूचना बोर्ड के द्वारा खस्ताहाल इमारत की उसमें रह रहे लोगों को देती है, इसके बाद भी लोग अपना घर नहीं छोड़ते। पिछले साल म्हाडा ने 14 इमारतों को अत्यंत खतरनाक घोषित किया था। और इस बार भी इमारतों के सर्वेक्षण का काम शुरू है। तो ऐसे में म्हाडा लोगों को अपना घर छोड़ कर ट्रांजिट कैंप में जाने की सलाह देती है लेकिन लोग हैं कि अपना घर छोड़ने के लिए तैयार ही नहीं होते।

संबंधित विषय
Advertisement
मुंबई लाइव की लेटेस्ट न्यूज़ को जानने के लिए अभी सब्सक्राइब करें