मुंबई में जिस तरह से आग लगने की घटनाएं पिछले कुछ समय से बढीं हैं वह वाकई में चिंता का विषय है। ऊपर से फायर ब्रिगेड विभाग फायर ऑडिट को लेकर गंभीर नहीं हैं। इसी साल जनवरी महीने में आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई की फायर ऑडिट हुई बिल्डिंगों की जानकारी मांगी थी लेकिन फायर ब्रिगेड की तरफ से यह जानकारी अभी तक उपलब्ध नहीं कराई गयी। अनिल गलगली का कहना है कि फायर ऑडिट की जानकारी सार्वजनिक नहीं करके फायर ब्रिगेड मुंबईकरों की जान के साथ खेल रहा है।
अनिल गलगली ने आरटीआई के तहत यह जानकारी मांगी थी कि मुंबई में अब तक कुल कितनी बिल्डिंगों का फायर ऑडिट हुआ है और कितनों का नहीं? इसी क्रम में बिल्डिंगों की संख्या, बिल्डिंग का प्रकार, वॉर्ड का नाम, कुल फायर ऑडिट कि भी जनकारी मांगी गयी थी।
बिल्डर और अधिकारियों की मिलीभगत
मुंबई लाइव से बात करते हुए अनिल गलगली ने कहा कि फायर ऑडिट करवाना बिल्डर का काम होता है, लेकिन अगर इस मामले में बिल्डर लापरवाही बरतता है तो खुद फायर फायर ब्रिगेड संबंधित बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है, लेकिन असली खेल यहीं से शुरू होता है।
फायर ब्रिगेड के अधिकारी और बिल्डर आपस में सांठ-गांठ करके यह ऑडिट नहीं होने देते जिसकी परिणिति आग लगने के समय लोगों की मौत के रूप में सामने आती है।
शिकायत के बाद भी कोई कदम उत्तर नहीं
गलगली कहते हैं कि फायर ब्रिगेड विभाग के चीफ पी.एस राहंगदले एक विवादित अधिकारी हैं, यह उनकी जिम्मेदारी है लेकिन वे अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं।
मात्र कुछ पैसे के लिए यह फायर ऑडिट नहीं कराया जाता है।
अगर आरटीआई के जरिये इनका नाम सामने आता है तो इनके ऊपर कार्रवाई हो सकती है, उसी कार्रवाई से बचने के लिए ये लोग जवाब नहीं दे रहे हैं। गलगली इस बाबत 13 अप्रैल 2018 को शिकायत भी कर चुके हैं बावजूद इसके इस तरह कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
विभाग डिजिटल इंडिया की उड़ा रहा धज्जियां
गलगली के मुताबिक़ यह विभाग पीएम मोदी की डिजिटल इंडिया की भी धज्जियां उड़ा रहा है, यह विभाग आखिर क्यों यह सभी सूचनाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराता? ऑनलाइन सूचना उपलब्ध कराने के बाद एक आम आदमी यह आसानी से जान सकता है कि वह जिस बिल्डिंग में रह रहा है उसका फायर ऑडिट हुआ है या नहीं। लेकिन फायर ब्रिगेड विभाग को आग लगने के अब तक कितने रिपोर्ट प्राप्त हुए हैं और कितनों को उन्होंने ऑनलाइन अपलोड किया हैं, इसकी कोई जानकारी नहीं है।
मुख्यमंत्री से करेंगे बात
गलगली आगे कहते हैं कि अब वे इसकी शिकायत सीधे बीएमसी कमिश्नर अजोय मेहता से करेंगे और उनके सामने यह प्रश्न उठाएंगे। यही नहीं गलगली ने इस मामले को मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के सामने भी रखने की बात कही।