भारिप बहुजन महासंघ के अध्यक्ष और दलित नेता प्रकाश आंबेडकर ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र में असीसुदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के साथ गठबंधन करने के बाद अब उन्ही की भाषा बोल रहे हैं। विवादित बयान देते हुए प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि जो लोग वंदे मातरम बोलते हैं वे राष्ट्र विरोधी (एंटी इंडियन) हैं। राष्ट्रगान (जन गण मन) के होते हुए भी "वंदे मारतरम" की क्या जरूरत है? आपको बता दें कि इसके पहले भी असीसुदुद्दीन ओवैसी वंदे मातरम का विरोध करते रहे हैं।
क्या कहा प्रकाश आंबडेकर ने?
प्रकाश आंबेडकर ने अभी हल ही में असीसुदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के साथ गठबंधन किया। यह गठबंधन अगले साल होने वाले लोकसभा और विधानसभा के चुनावों को देखते हुए किया गया है। पहले तो असीसुदुद्दीन ओवैसी ही राष्ट्रगीत का विरोध करते थे लेकिन अब प्रकाश आंबेडकर भी करने लगे हैं। एक कार्यक्रम के दौरान जब पत्रकारों ने प्रकाश आंबेडकर से पूछा कि ओवैसी तो राष्ट्रगान का विरोध करते हैं तो ऐसे में उनका विवाद पर क्या कहना है? तो इस सवाल के जवाब में प्रकाश आंबेडकर ने बयान देते हुए इस पर असदुद्दीन ओवैसी के राष्ट्रगीत विरोधी बयान को सही बताया।
बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर ने जवाब देते हुए कहा कि जन-गण-मन राष्ट्रगान है, न कि वंदे मातरम। जब आधिकारिक राष्ट्रगान मौजूद है तो किसी दूसरी चीज की किया जरूरत। उन्होंने आगे कहा कि वंदे मातरम गाने वाले भारतीय और नहीं गाने वाले गैर भारतीय हैं, इस राष्ट्रभक्ति का सर्टिफिकेट देने वाले "वो" कौन होते हैं?
हालांकि कुछ मुस्लिम नेता राष्ट्रगीत का विरोध करते हुए कहते हैं कि राष्ट्रगीत वंदेमातरम एक धर्म विशेष के हिसाब से भारतीय राष्ट्रवाद को परिभाषित करता है और इस गीत में धार्मिक पहलू भी है, जबकि इस्लाम में अल्ला के सिवाय किसी की इबादत करना हराम माना गया है।