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आंगनवाड़ी सेविका, होमगार्ड्स को भी मदद के लिए तैयार रखा जाए: मुख्यमंत्री

उद्धव ठाकरे ने निर्देश दिया है कि आंगनवाड़ी सेवकों और होमगार्डों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए और उन्हें भी स्वास्थ्य सेवा में सहायता करने के लिए भेजा जाना चाहिए ताकि डॉक्टरों पर भी बोझ कम हो सके।

आंगनवाड़ी सेविका, होमगार्ड्स को भी मदद के लिए तैयार रखा जाए: मुख्यमंत्री
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 राज्य में लॉकडाउन (lockdown) के बावजूद कोरोना (Coronavirus) के मरीजों की बढ़ती संख्या प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन गया है। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (narendra modi) द्वारा लॉकडाउन की घोषणा से पहले ही महाराष्ट्र में धारा 144 लगा दी गई थी। सभी को सतर्क रहने और नियमों का पालन करने की आज्ञा दी गई। आवश्यक सेवाओं में कर्मचारियों को छोड़कर, आम जनता के लिए घर से निकलने पर पाबंदी लगा दिया गया।  फिर भी, राज्य में कोरोना की संख्या बढ़कर 335 हो गई है। और मुंबई में भी मरीजों की संख्या बढ़कर 181 जा पहुंची।

दूसरी ओर, राज्य के विभिन्न अस्पतालों में कोरोना का इलाज करके लोगों को बचाने के लिए डॉक्टर, नर्स और अन्य चिकित्सा कर्मचारी दिन-रात सेवा कर रहे हैं।  मरीजों की बढ़ती संख्या के साथ, राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली पर बोझ बढ़ रहा है।  पर्याप्त भोजन, पर्याप्त नींद और आराम नहीं लेने से मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर अब खुद बीमार हो रहे हैं।  उन्हें भी आराम की जरूरत है।  इसके बावजूद कुछ डॉक्टरों और नर्सों को भी कोरोना से संक्रमित होने की खबर सामने आई है।

इसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने निर्देश दिया है कि आंगनवाड़ी सेवकों और होमगार्डों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए और उन्हें भी स्वास्थ्य सेवा में सहायता करने के लिए भेजा जाना चाहिए ताकि डॉक्टरों पर भी बोझ कम हो सके। इसलिए जल्द ही आंगनवाड़ी सेविकाओं और होमगार्डों भी कोरोना से दो दो हाथ करने के लिए मैदान में उतर सकते हैं।


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