महाराष्ट्र कैबिनेट ने ओबीसी ( obc reservation ) को राजनीतिक आरक्षण मिलने तक चुनाव नहीं कराने पर सहमति जताई है। ओबीसी आरक्षण पर पिछड़ा वर्ग आयोग की अंतरिम रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इस पर राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखा है। सरकार के इस फैसले के बाद अब कयास लगाए जा रहे है की मुंबी में होनेवाले बीएमसी चुनाव में देरी हो सकती है।
कैबिनेट ने ओबीसी को राजनीतिक आरक्षण मिलने तक चुनाव नहीं कराने पर सहमति जताई है। इसके साथ ही राज्य सरकार राज्यपाल के खिलाफ राष्ट्रपति के पास शिकायत दर्ज कराएगी।
ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राज्य मंत्री और ओबीसी नेता छगन भुजबल ने कहा की "राज्य के आंकड़ों को संकलित करने में कुछ समय लगेगा। लंबे समय से कार्यालय में रहने वाली नगर पालिकाओं को अदालत ने अपने चुनाव कराने के लिए कहा है। विकास गवली ने कल अदालत में याचिका दायर की थी। अब अदालत ने रिपोर्ट को खारिज कर दिया"
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य पिछड़ा वर्ग की रिपोर्ट में ओबीसी के राजनीतिक प्रतिनिधित्व के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसके अलावा, रिपोर्ट में ओबीसी प्रतिनिधित्व की सूचना नहीं दी गई थी। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि किस आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है।
शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि अगला स्थानीय निकाय चुनाव ओबीसी आरक्षण के बिना होना चाहिए। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव अगले निर्देश तक बिना ओबीसी आरक्षण के कराए जाएं।
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