Advertisement

राजनीति में इन भतीजो ने भी तोड़ा है अपने चाचा का दिल!


राजनीति में इन भतीजो ने भी तोड़ा है अपने चाचा का दिल!
SHARES

कहते है राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता है। राजनीति में ना तो कोई हमेशा के लिए दोस्त होता है और ना ही कोई हमेशा के लिए दुश्मन, महाराष्ट्र के ताजा हालात कुछ इसी ओर इशारा करते है। कभी एक दूसरे पर निशाना साधनेवाले बीजेपी और अजित पवार ने आज हाथ मिलाकार राज्य में सरकार बना ली है।  कभी सिंचाई घोटाले को लेकर बीजेपी अजित पवार पर लगातार निशाना साधती रही है तो वही अब इन्ही अजित पवार के साथ बीजेपी सरकार बना रही है। बताया जा रहा है की अजित पवार के साथ एनसीपी के 10 से 12 विधायक है। शनिवार को प्रेस कॉफ्रेस कर एनसीपी प्रमुख ने कहा की उन्हे अजित पवार से यह उम्मीद नहीं थी, उन्होने कहा की उन्हे जरा भी अंदाजा नहीं था की अजित पवार इस तरह पार्टी के खिलाफ काम कर सकते है।

लेकिन महाराष्ट्र की  राजनिती में अजित पवार और शरद पवार ही इकलौते चाचा-भतीजे नहीं है जिनमें विवाद हुआ है। इसके पहले भी महाराष्ट्र में ऐसे कई चाचा-भतीजों के बीच राजनिती में विवाद हुए है। आईये देखते कुछ ऐसे ही भतीजों के नाम जिनके अपने चाचा से राजनीतिक असहमति हुई 

स्वर्गीय गोपीनाथ मुंडे- धनंजय मुंडे

देवेंद्र फड़णवीस के दोबारा मुख्यमंत्री बनने में अजित पवार का काफी अहम रोल है। इसके साथ ही एनसीपी नेता धनंजय मुंडे का नाम भी बीजेपी को समर्थन देनेवालों में आ रहा है। आपको बतादे की धनंजय मुंडे विधान परिषद में एनसीपी के नेता भी रह चुके है। धनंजय मुंडे के चाचा स्वर्गीय गोपीनाथ मुंडे महाराष्ट्र और केंद्र में बीजेपी के बड़े नेता थे।   धनंजय मुंडे ने भी बीजेपी के साथ ही अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। धनंजय मुंडे महाराष्ट्र भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष भी रहे है। लेकिन साल 2012 में धनंजय ने शरद पवार की मौजूदगी में चाचा गोपीनाथ मुंडे की बीजेपी पार्टी को छोड़कर एनसीपी का दामन थाम लिया। 

सुनील तटकरेअवधूत तटकरे

सुनील तटकरे राज्य में एनसीपी के बड़े नेता है। मौजूदा समय में वह लोकसभा सदस्य है। वह कभी राज्य में खाद्य और नागरिक आपूर्ति ऊर्जा मंत्री या वित्त और योजना मंत्री थे। सुनील तटकरे के भतीजे अवधूत तटकरे भी पहले एनसीपी से विधायक थे। अवधूत तटकरे श्रीवर्धन विधानसभा सीट से एनसीपी  विधायक थे। हालांकी साल 2019 मे हुए विधानसभा चुनाव के पहले अवधूत तटकरे ने शिवसेना का दामन थाम लिया।

जयदत्त क्षीरसागरसंदिप क्षीरसागर

जयदत्त क्षीरसागर ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से विधायक पद का इस्तीफा देकर मई में शिवसेना में प्रवेश किया था। जिसके बाद उन्हें देवेंद्र फडणवीस में कैबिनेट भी बनाया गया था।  जयदत्त क्षीरसागर के भतीजे संदिप क्षीरसागर एनसीपी की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े। जयदत्त क्षीरसागर और संदिप क्षीरसागर दोनों बीड विधानसभा से चुनाव लड़े।  जयदत्त  क्षीरसागर ने शिवसेना के टिकट पर चुनाल लड़ा तो वही संदिप क्षीरसागर ने एनसीपी के टिकट पर चुनाव लड़ा। हालांकी जयदत्त  क्षीरसागर को इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।

स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे- राज ठाकरे 

शिवसेना प्रमुख स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे के साथ भी उनके भतीजे राज ठाकरे के राजनीतिक संबंध जग जाहीर है। उद्धव ठाकरे को शिवसेना अध्यक्ष बनाए जाने के बाद राज ठाकरे ने शिवसेना से अपना नाता तोड़ लिया और अपनी खुद की एक नई पार्टी बनाई जिसका नाम उन्होने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना दिया। 

Read this story in मराठी or English
संबंधित विषय
Advertisement
मुंबई लाइव की लेटेस्ट न्यूज़ को जानने के लिए अभी सब्सक्राइब करें