लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद शनिवार को शरद पवार के नेतृत्व में एनसीपी की एक चिंतन बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में शरद पवार के साथ साथ पार्टी के कई बड़े नेता भी मौजूद थे। पार्टी अध्यक्ष शरद पवार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कांग्रेस में पार्टी के विलय को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। इसके साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी कई तरह की रणनीतियों पर चर्चा की गई।
क्या हुआ बैठक में
बैठक में सर्वसम्मति से तय हुआ कि जहां-जहां भी एनसीपी नहीं जीती है, उन-उन जगहों पर पुराने चेहरों की बजाय युवा चेहरों को मौका दिया जाए। जिससे ये बात साफ हो गई है की आनेवाले विधानसभा चुनाव में पार्टी कई नए चेहरो को मौका दे सकती है। बैठक में लोकसभा चुनाव में ईवीएम को लेकर भी चर्चा हुई। उनकी ओर से बैलट पेपर से मतदान कराने पर जोर दिया गया।
लोकसभा में विपक्ष के नेता का प्रश्न
यदि कांग्रेस और राकांपा का विलय हो जाता है, तो लोकसभा में विपक्ष के नेता का प्रश्न हल हो जाएगा। कांग्रेस के पास 52, जबकि एनसीपी के 5 सांसद हैं। विपक्ष का नेता पाने के लिए 54 सांसदों की जरूरत होती है। पार्टी के अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद शायद राहुल गांधी विपक्ष के नेता होंगे। दोनों दलों का मानना है कि लोकसभा में राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष शरद पवार हो सकते है।