पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे के लिए परेशानी का सबब बन सकता है, पुणे के एक कार्यकर्ता ने 2005 में विलासराव देशमुख के तहत महाराष्ट्र सरकार में राजस्व मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान करोड़ों की धनराशि की लूट का आरोप लगाते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। एक्टिविस्ट, प्रदीप भालेकर ने एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के प्रावधानों के तहत राणे, उनकी पत्नी नीलम और बेटों नितेश और नीलेश के खिलाफ कार्रवाई करने की याचिका दायर की है।
भालेकर के अनुसार,
राणे और उनके परिवार के सदस्यों के पास बेहिसाब और अघोषित संपत्ति है।अपनी दलील में भालेकर ने राणे परिवार के इतिहास पर प्रकाश डालते दावा किया की उनके
परिवार ने मुंबई और मालवान में कुछ सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है और इस तरह भ्रष्टाचार किया है।
भालेकर ने आगे दावा किया कि यह सब केवल इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि राणे ने अपने कार्यालय और सत्ता का दुरुपयोग किया। उन्होंने तदनुसार अदालत से राणे परिवार के खिलाफ विस्तृत जांच का निर्देश देने का आग्रह किया है।