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चोली दामन का रिश्ता- राजनीति और फिल्म!

मौजूदा दौर में कई फिल्मों में किसी अभिनेता या नेता के इमेज का मेकओवर भी किया गया है

चोली दामन का रिश्ता-  राजनीति और फिल्म!
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फिल्म को समाज का आईना कहा जाता है, चाहे समाज की बुराईयों हो या फिर किसी गुमनाम टैलेंट को दुनियां के सामने पेश करने की बात हो , फिल्मों ने हमेशा से ही लोगों को प्रभावित किया है। स्वतंत्रता संग्राम में भी फिल्मों ने एक अहम भूमिका निभाई।    फिल्म जगत से कई सितारों ने राजनिती में अपना हाथ आजमाया है। कुछ ने तो सत्ता हासिल कर ली। लेकिन कई कलाकार ऐसे भी रहे है जिनका राजनिती करियर शुरु होते ही खत्म हो गया।  बदलते समय  के साथ साथ फिल्म जगत ने भी अपने आप को बदला है। कभी समाज का आईना कहलानेवाला फिल्म जगत आज के दौर में धीरे धीरे अपनी छवि को सुधारने या फिर इमेज मेकओवर का एक जरिया बनता जा रहा है।

फिल्मी सितारों ने  राजनीति में बनाया करियर 

फिल्म जगत से कई ऐसे सितारें है जिन्होने राजनिती में अपना करियर बनाया है। इसकी सबसे बड़ी मिशाल दक्षिण की राजनिती में मिलती है।  एनटी रामार को राजनिती में किसी पहचान की जरुरत नहीं है।  उन्होने ना ही सिर्फ फिल्मों में अपना दबदबा कायम किया बल्की राजनिती में भी अपना लोहा मनवाया।  नन्दमूरि तारक रामाराव यानी की   एन.टी. रामा राव  फिल्मी अभिनेता, निर्देशक, निर्माता एवं राजनेता थे। उन्होने तेलुगु देशम पार्टी की स्थापना की और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। उन्हें एनटीआर के उपनाम से प्राय: जाना जाता है। एनटी रामाराव की शख्सियत का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है 1983 से 1994 के बीच वह तीन बार मुख्यमंत्री पद के लिए चुने गए थे। 

जयललिता के सामने सब बेबस

जयललिता जयराम यानी की जयललिता भारतीय राजनीतिज्ञ तथा तमिल नाडु की मुख्यमंत्री थीं। जय ललिता  दक्षिण भारतीय राजनैतिक दल ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्ना द्रमुक) की महासचिव थीं।  साल  1991 से 1996 , 2001 में, 2002 से 2006 तक और 201 से 2014 तक वह तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं। राजनीति में आने से पहले वो अभिनेत्री थीं और उन्होंने तमिल के अलावा तेलुगू, कन्नड और एक हिंदी तथा एक अँग्रेजी फिल्म में भी काम किया है।

सुनील दत्त, राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, शत्रुघ्न सिंहा, विनोद खन्ना, राज बब्बर, जयाप्रदा और गोविंदा,शत्रुघ्न सिंहा, विनोद खन्ना, हेमा मालिनी, परेश रावल, किरण खेर, बाबुल सुप्रियो, मनोज तिवारी जैसे कई अभिनेता है जिन्होने राजनीति में अपना दमदार करियर बनाया है।

इन अभिनेताओं का नहीं चला पॉटिकल करियर

सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने फिल्म जगत में अपना नाम हमेशा के लिए अमर कर दिया है , लेकिन राजनीति में वह टिक नहीं पाये।  अमिताभ बच्चन राजनीति के क्षेत्र में 1984 से 1987 तक रहे। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर इलाहाबाद लोकसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा को हराया था। हालांकि उन्हें राजनीति खास रास नहीं आई और बीच सत्र में ही इस्तीफा दे दिया।

अभिनेत्री राखी सावंत केन्द्रीय मंत्री रामदास आठवले की पार्टी आरपीआई की महिला प्रेसिडेंट है. साल 2014 का लोकसभा चुनाव इन्होने मुंबई से लड़ा, पर हार गई।

भोजपुरी फिल्मो के अमिताभ बच्चन नाम से जाने जाने वाले अभिनेता रवि किशन ने कॉंग्रेस की ओर से यूपी के जौनपुर जिले से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए। जिसके बाद से उन्होने राजनीति में रुची लेना कम कर दिया

इमेज मेकओवर का काम करती फिल्में

आज के दौर में फिल्मों का इस्तेमाल मेकओवर के तौर पर भी किया जा रहा है।  फिल्म संजू में जहां संजय दत्त के किरदार को एक भटका हुआ युवक के रुप में दिखाया गया है , इसके साथ ही इस बात को भी दर्शाया गया है की संजय दत्त के साथ जो भी कानूनी कार्रवाई हुई उसके लिए संजय दत्त प्रत्यक्ष रुप से जिम्मेदार नहीं थे।हसीना पार्कर  की जिंदगी पर बनी फिल्म 'हसीना पार्कर' में हसीना पार्कर की जिंदगी को लोगों के सामने एक सकारात्मक तरिके से ही पेश किया गया।

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