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इससे पहले संबंध पूरी तरह से टूट जाए, पीएम मोदी के साथ हो लिया जाए, शिवसेना विधायक ने लिखा पत्र

विधायक प्रताप सरनाईक ने राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को 10 जून एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने NCP पर शिवसेना को कमजोर करने का आरोप लगाया है।

इससे पहले संबंध पूरी तरह से टूट जाए, पीएम मोदी के साथ हो लिया जाए, शिवसेना विधायक ने लिखा पत्र
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महाराष्ट्र की राजनीति (Maharashtra politics) में एक बार फिर से मतभेद होने की खबर है। ऐसा इसलिए क्योंकि शिवसेना (shiv sena) विधायक प्रताप सरनाईक ने राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) को 10 जून एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने NCP पर शिवसेना को कमजोर करने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं, उन्होंने उद्धव ठाकरे से अपील कर कहा है कि, वे एक बार फिर से पीएम मोदी के साथ आ जाएं, ये पार्टी और कार्यकर्ताओं के लिए बेहतर रहेगा।

क्या है पत्र में?

विधायक प्रताप सरनाईक (pratap sarnaike) ने अपने पत्र में लिखा है कि, एनसीपी और कांग्रेस (Congress) अपना-अपना मुख्यमंत्री चाहते हैं। कांग्रेस ने चुनावों में अकेले लड़ने का फैसला किया है, इस स्थिति में जो राजनीति शुरू है एनसीपी, शिवसेना से नेताओं को तोड़ने की कोशिश कर रही है। लगता है कि केंद्र से उन्हें परोक्ष रूप से समर्थन मिल रहा है, कोई केंद्रीय जांच एजेंसी एनसीपी नेताओं के पीछे नहीं है।

पत्र में आगे हैं कि, हम आपके और आपके नेतृत्व में विश्वास रखते हैं लेकिन कांग्रेस और एनसीपी हमारी पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। यह मेरा व्यक्तिगत विचार है कि आप अगर पीएम मोदी (pm modi) के और करीब आ जाएं तो बेहतर होगा। अगर हम एक बार फिर साथ आ जाएं तो पार्टी और कार्यकर्ताओं को फायदा होगा।

इसके साथ ही उन्होंने लिखा, केंद्रीय एजेंसियां हमारी गलती के बिना हमें निशाना बना रही हैं, हम पर झूठे आरोप लग रहे हैं, एक केस के बाद दूसरे केस में फंसाया जा रहा है। अगर आप पीएम मोदी के करीब आते हैं तो रवींद्र वायकर, अनिल परब, प्रताप सरनाईक जैसे नेताओं और उनके परिवारों की पीड़ा समाप्त हो जाएगी।

गठबंधन टूटने के बाद भी नेताओं के बीच संबंध अच्छे हैं। अगले साल मुंबई, ठाणे और अन्य नगर निगमों (municipal election) के लिए चुनाव हैं।  राज्य में गठबंधन टूटने के बाद भी कई नेताओं के बीच नेताओं के निजी संबंध बरकरार हैं। बेहतर होगा कि इसे टूटने से पहले एडजस्ट कर लें।  इससे भविष्य में हमारे और शिवसेना जैसे कुछ कार्यकर्ताओं को फायदा होगा। कांग्रेस-एनसीपी विधायकों का काम तुरंत हो जाता है लेकिन शिवसेना का मुख्यमंत्री होते हुए भी विधायकों का काम नहीं हो रहा है।

हालांकि साथ आने के मुद्दे पर BJP का कहना है कि, यह फैसला आला कमान करेगी।

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