1995 बैच के आईएएस अधिकारी राधेश्याम मोपलवार को 31 मई, 2020 तक महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में एक और विस्तार मिला है। यह उनका तीसरा विस्तार है जो उन्होंने अपने कार्यकाल में प्राप्त किया है।भाजपा की अगुवाई वाली सरकार ने उन्हें फरवरी 2018 से फरवरी 2019 तक और बाद में फरवरी 2019 से 2020 तक विस्तार दिया था।
सार्वजनिक विभाग की डिप्टी सेक्रेटरी मृदुला देशपांडे ने 28 फरवरी को सरकारी अधिसूचना जारी की जिसमें तीन महीने का विस्तार 1 मार्च से लेकर 1 मई तक के लिए किया गया। 31, 2020। विभाग ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे समृद्धि मार्ग (701 किलोमीटर मुंबई नागपुर एक्सप्रेस वे), वर्सोवा बांद्रा समुद्री लिंक और मुंबई पुणे एक्सप्रेस वे पर लापता लिंक के निर्माण के समय पर कार्यान्वयन के लिए मोपलवार का विस्तार आवश्यक था। इसके लिए तकनीकी और वित्तीय झटकों को दूर करके उचित योजना और धन जुटाना आवश्यक है।
साल 2017 में विधानमंडल के मॉनसून सत्र के दौरान मोपलवार का एक ऑडियो वायरल हुआ था। उस विडियो में वह करोड़ों रुपये का भूखंड एक बिल्डर को देने के लिए सौदेबाजी करते दिख रहे थे। इस पर दोनों सदनों में विपक्ष ने सरकार को जमकर घेरा था। इसके बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मोपलवार को छुट्टी पर भेज दिया था। हालांकी बाद में सरकार द्वारा बनाई गई तीन सदस्यीय समिति ने ‘क्लीन चिट’ दे दी है। उन्हें महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक पद पर बहाल कर दिया गया है।