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मंत्रालय के सामने 'दूध फेंकों' आंदोलन

आंदोलनकारियों ने पाउच में भर कर लाए गये दूध को सड़क पर बहाया और सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए। इसके बाद सभी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

मंत्रालय के सामने 'दूध फेंकों' आंदोलन
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सोमवार को मुक्त व्यापार समझौते यानी रिजनल कंप्रेहेंसिव इकोनोमिक पार्टनरशीप (RCEP) के खिलाफ स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के प्रमुख राजू शेट्टी की अगुवाई में कई किसानों और कार्यकर्ताओं ने मंत्रालय गेट के सामने 'दूध फेंकों' आंदोलन किया। इन लोगों ने पाउच में भर कर लाए गये दूध को सड़क पर बहाया और सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए। इसके बाद पुलिस ने आंदोलनकारियों को हिरासत में ले लिया।

क्यों हुआ आंदोलन?
RCEP में आसियान के सदस्य देशों और छह अतिरिक्त देशों (भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया व न्यूजीलैंड) का मुक्त व्यापार समझौता होगा। इसके तहत बैंकॉक में एक बैठक हो रही है।

वर्ष 2012 में भारत ने इसमें शामिल होने की रजामंदी जताई थी। लेकिन चीन से बढ़ते सस्ते आयात की वजह से भारत का रुख अब बदला हुआ है। साथ ही यह देश में एक सियासी रूप भी ले चुका है।

कांग्रेस व वामपंथी दलों समेत आरएसएस के कुछ सहयोगी संगठन भी इसके खिलाफ हैं। यही वजह है कि मोदी सरकार उहापोह में है। इसी के खिलाफ स्वाभिमानी संगठन भी है जिसने सोमवार को मंत्रालय गेट के सामने दूध आंदोलन किया।

क्या कहना है आंदोलनकारियों का?
राजू शेट्टी का कहना था कि हम इस बैठक का विरोध करते हैं, इस आर्थिक भागीदारी करार तत्काल रद्द किया जाए। भारत 16 देशों के साथ मुक्त व्यापार संबंधी करार करता है तो इसका किसानों, दूध व्यापारियों और वस्त्रोद्योग पर असर पड़ेगा। इसीलिए इसे तत्काल रोकना चाहिए।

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