जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्रों के विरोध प्रदर्शन पर गुरुवार को शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय ने दिल्ली पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज की निंदा की। सामना में लिखे संपादकिय में शिवसेना ने लाठीचार्ज को अमानवीय बताते हुए कहा कि हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया था, सैकड़ों छात्रों को सिर पर चोट लगी, हड्डियों को तोड़ दिया गया और लाठीचार्ज के दौरान खून बहने लगा। संपादकीय मे दिल्ली पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज की निंदा की।
भाजपा पर निशाना
सामाना संपादकीय ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा की "उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक विरोध को दबाने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए। भाजपा नेता अन्ना हजारे के साथ उनके भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में खड़े थे। भाजपा को यह नहीं भूलना चाहिए कि वे विरोध करके सत्ता में आए,अगर कांग्रेस सरकार मे
इस तरह का विरोध होता,
तो भाजपा संसद में विरोध करती,
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद
(ABVP)
ने भारत बंद का आह्वान किया होता"।
सामाना ने यह भी कहा कि "इस विश्वविद्यालय ने अभिजीत बनर्जी जैसे कई रत्न दिए हैं जो भारत को गौरवान्वित कर रहे हैं। इस संस्था ने कई महान नेता दिए हैं,
लेकिन उनमें से कोई भी दक्षिणपंथी दृष्टिकोण का नहीं था। अपने अधिकारों की मांग के लिए उठाई जा रही आवाज़ों को दबाया नहीं जाना चाहिए। बल्कि छात्रों के साथ लड़ते हुए,
सरकार को उनकी समस्या को हल करने की कोशिश करनी चाहिए”
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