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सरकार का आश्वासन हुआ नाकाम, आजाद मैदान में मेडिकल छात्रों का आंदोलन


सरकार का आश्वासन हुआ नाकाम, आजाद मैदान में मेडिकल छात्रों का आंदोलन
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सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य सरकार की याचिका रद्द करने के बाद मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट में प्रवेश लेने वाले मराठा छात्रों की फीस भरने का आश्वासन देवेंद्र फडणवीस ने  दिया था। लेकिन आश्वासन मिलने के बाद भी छात्रों ने आजाद मैदान में आंदोलन कर रहे है।

क्या है मामला?
पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कोर्स के लिए ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया अक्टूबर 2018 में शुरू हुई थी।  इस परीक्षा में चयनित छात्र और सेलेबस सेलेक्शन की प्रक्रिया जब चल रही थी तभी उसी समय मार्च 2019 में राज्य सरकार ने मराठा आरक्षण का नया कानून लागू कर दिया। हालांकि कुछ छात्रों ने इस आरक्षण का विरोध वह कह किया कि प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने के बाद आरक्षण लागू किया गया लिहाजा इस बार से नहीं अगली बार से आरक्षण लागू किया जाए। यही नहीं आरक्षण के खिलाफ कुछ छात्र कोर्ट में भी चले गए।

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को दिया झटका 

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने जब इसकी सुनवाई की तो छात्रों के हक में फैसला सुनाते हुए आदेश पारित किया कि आरक्षण इस परीक्षा में नहीं बल्कि अगली बार से होने वाले परीक्षा में लागू किया जाए।  

इस निर्णय के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चली गयी यहाँ भी सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के जजमेंट को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार  की याचिका को खारिज कर दिया। राज्य सरकार की याचिका रद्द होने के बाद जिन छात्रों को आरक्षण के तहत प्रवेश मिलना था वे  एक बार फिर से ओपन कैटगरी के तहत आवेदन करने के लिए मजबूर हो गए। जिससे छात्रों में सरकार के  प्रति रोष फ़ैल गया। 

सरकार से छात्र भी नाराज
छात्रों की नाराजगी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री ने मराठा समाज के छात्रों को अण्णासाहेब पाटिल महामंडल के माध्यम से फीस भरने का आश्वासन दिया। इस महामंडल के माध्यम से फीस भरने का मतलब है कि छात्रों को जो सरकारी कॉलेजों में फीस देना पड़ता है और जो फीस प्राइवेट कॉलेज वाले वसूल करते हैं दोनों में जितना अंतर आएगा उसे सरकार मुहैया कराएगी। लेकिन सरकार का यह आश्वसान छात्रों की नाराजगी दूर करने में नाकामियाब रह और छात्र सरकार के खिलाफ आजाद मैदान में आंदोलन शुरू कर दिया। 

इन छात्रों का कहना है कि सरकार ने ओपन कैटगरी के तहत सीटें बढ़ाई हैं, इसके बाद भी हमें अच्छे कॉलेजों में एडमिशन नहीं मिलेगा। हमें प्राइवेट कॉलेजों में एडमिशन नहीं चाहिए। सरकार द्वारा फीस भरने का आश्वासन का भी कुछ मतलब नहीं, क्योंकि हमें फीस नहीं सीट चाहिए। 

अब इस बारे में आगे का निर्णय लेने के लिए जल्द ही शिवाजी मंदिर में मराठा मोर्चा का राज्य स्तरीय बैठकआ आयोजन किया जायेगा।

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