उपमुख्यमंत्री और वित्त एवं योजना मंत्री अजीत पवार (Ajit pawar) ने भविष्य में विधायकों के स्थानीय विकास कोष को 2 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये करने का वादा किया था। अजित पवार ने यह बात रखी है और विधायकों के स्थानीय विकास कोष में एक करोड़ रुपये और बढ़ा दिए हैं, इसलिए अब हर विधायक के पास अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए हर साल 4 करोड़ रुपये होंगे। सत्ताधारी दल समेत विपक्षी विधायक अजित पवार के फैसले से खुश हैं और दशहरे की पूर्व संध्या पर उन्हें बड़ा तोहफा मिला है।
राज्य के साथ-साथ देश पिछले डेढ़ साल से कोरोना संकट से जूझ रहा है। इस कोरोना संकट की पृष्ठभूमि में केंद्र सरकार ने सांसदों के विकास कोष पर रोक लगा दी है। इसलिए सांसदों के पास स्थानीय विकास कार्यों के लिए कोई फंड उपलब्ध नहीं है। वहीं उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने सदन में राज्य में विधायकों के स्थानीय विकास कोष को एक करोड़ बढ़ाकर तीन करोड़ करने की घोषणा की थी, साथ ही भविष्य में इन विधायकों के स्थानीय विकास कोष को बढ़ाने का भी वादा किया था। इसी बात को ध्यान में रखते हुए अजित पवार ने विधायकों के विकास कोष को बढ़ाकर 4 करोड़ रुपये कर दिया है। विधायकों के स्थानीय विकास कोष में वृद्धि से आम जनता के विकास कार्यों का मार्ग प्रशस्त करने में मदद मिलेगी।
कुल 350 विधायक, विधानसभा में 288 और विधान परिषद में 62 विधायकों को 350 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि मिलेगी। इसलिए राज्य भर के सभी विधायकों को अब हर साल कुल 1400 करोड़ रुपये का स्थानीय विकास कोष मिलेगा। यह राज्य के इतिहास में विधायकों के स्थानीय विकास कोष में अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि है। इस बीच उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने विधायकों को कोरोना की रोकथाम के उपायों के लिए विधायकों के स्थानीय विकास कोष से एक-एक करोड़ रुपये खर्च करने की अनुमति दी थी।
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