हायकोर्ट ने क्लस्टर डेवेलपमेंट पर लगे प्रतिबंध को हटादिया है। नवी मुंबई में क्लस्टर डेवलपमेंट की वृद्धि के साथ ही एफएसआई दीए जाने के निर्णय के बाद राज्य सरकार ने बॉम्बहे हाईकोर्ट का रुख किया था। जिसके बाद कोर्ट ने यह फैसला दिया है।
2014 में राज्य सरकार ने क्लस्टर डेवलपमेंट के बढ़ी हुई एफएसआई देने का प्रस्ताव पास किया था। जिसके कारण एक झोपड़पट्टी के पुनर्विकास के लिए विकासकर्ता को 60 मंजिला इमारत बाधने की इजाजत मिल जाती।
हालांकि, इस विवाद के बाद एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति अभय ओक के अध्यक्षता वाली एक निदेशक मंडल ने इस आदेश पर रोक लगा दिया था। अब राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के साथ साथ नवी मुंबई महानगरपालिका और सिडको की रिपोर्ट के अनुसार इन इलाको में लोगों के पास अलग अलग डेवलेपमेंट करने के पैसे नहीं होते है जिन्हे देखकर क्लस्तर डेपलपमेंट को इजाजत दी गई है।