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एशियाटिक सोसाइटी लाइब्रेरी हुई डिजिटल !

ग्रंथसंजीवनी डॉट कॉम नाम से शुरु की गई इस वेब पोर्टल में एशियाटिक सोसाइटी लाइब्रेरी की 20,000 पुस्तके उपलब्ध होगी ।

एशियाटिक सोसाइटी लाइब्रेरी हुई डिजिटल !
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मुंबई में 200साल पूरानी  एशियाटिक सोसाइटी लाइब्रेरी भी अब धीरे धीरे डिजिटल होती जा रही है।  एशियाटिक सोसायटी लाइब्रेरी ने  एक वेब पोर्टल का अनावरण किया है  जहां  वह अपने  अपने सभी बुक्स को ऑनवाइन उपलब्ध कराएंगे। ग्रंथसंजीवनी डॉट कॉम नाम से शुरु की गई इस वेब पोर्टल में   एशियाटिक सोसाइटी लाइब्रेरी की 20,000  पुस्तके उपलब्ध होगी।  इसका उद्घाटन सोमवार को केंद्रिय मंत्री महेश शर्मा के हाथों किया गया।  


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ग्रंथसंजीवनी विश्व भर में उपयोगकर्ताओं के लिए अपने डिजिटल रूप से पुस्तकों को लोगों को उपलब्ध कराएंगे। इस डिजिटल रुप में बेव पोर्टल में लगभग 25,800 पुस्तकों को सफलतापूर्वक डिजिटल रूप दिया गया है। इस वेबसाईट पर डाले गए ज्यादातर पुस्तके अंग्रेजी में है और इसके साथ ही   संस्कृत और अन्य प्राचीन भारतीय भाषाओं में भी पुस्तके उपलब्ध है।  


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सोसाइटी की लाइब्रेरी में एक लाख से अधिक किताबें हैं, जिनमें से 15,000 को दुर्लभ और बहुमूल्य के रूप में वर्गीकृत किया गया है।  

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