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करोड़पति हीरा व्यापारी ने छोड़ी दुनियादारी, मोक्ष प्राप्ति के लिए बनेंगे जैन भिक्षु


करोड़पति हीरा व्यापारी ने छोड़ी दुनियादारी, मोक्ष प्राप्ति के लिए बनेंगे जैन भिक्षु
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जहां एक तरफ लोग पैसों के लिए कुछ भी करने से गुरेज नहीं करते तो वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी लोग हैं जो अपनी जिंदगी भर की कमाई को छोड़ कर साधू जीवन को अपना दूसरों की भलाई में लग जाते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है मुंबई में सबसे पुरानी डायमंड फर्म में से एक मोतीलाल दयाबाई जावेरी ऐंड संस के पार्टनर यात्रिक जावेरी का। रविवार को मुंबई के बालकेश्वर के पास तीन बत्ती इलाके के पंचशील प्लाजा में रविवार को एक दीक्षा ग्रहण कार्यक्रम होगा जिसमें यात्रिक दीक्षा लेंगे। दीक्षा लेने के बाद 59 वर्ष के यात्रिक अब अपनी आलिशान जिंगदी छोड़ कर एक जैन साधु की तरह अपना जीवन बिताएंगे।

यात्रिक गुजरात के एक प्रतिष्ठित कारोबारी हैं। इनका डायमंड का कारोबार मुंबई, गुजरात सहित अन्य राज्यों में भी फैला हुआ है। बताया जाता है कि करीब डेढ़ साल पहले भायखला इलाके में लब्धिचंद्र सागर महाराज के प्रवचन को सुनने के बाद उन्होंने परिवार और समाज छोड़कर जैन भिक्षु बनने का फैसला किया था। अहमदाबाद में पैदा हुए यात्रिक जावेरी ने मात्र 21 साल की उम्र में ही फैमिली बिजनस जॉइन किया था।

पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक यात्रिक इस बात से बेहद खुश है कि उनके इस निर्णय के लिए उनकी पत्नी, बेटा-बेटी और पोता-पोती सहित परिवार के सभी सदस्यों का समर्थन मिला।

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