शुक्रवार को भारत अपना 69वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस मौके पर भारत के कोने कोने में लोगों ने तिरंगा फहराया, लेकिन क्या आपको पता है कि राष्ट्रिय ध्वज तिरंगा फहराने का भी अपना एक खास नियम है। आइये जानते हैं वो नियम क्या हैं...
आपको जान कर हैरानी होगी कि 2002 से पहले आम लोगों को तिरंगा फहराने की छूट केवल 15 अगस्त और 26 जनवरी को ही थी लेकिन 26 जनवरी 2002 को इंडियन फ्लैग कोड में संशोधन होने के बाद अब कोई भी कभी भी तिरंगा फहरा सकता है।
तिरंगे का आकार आकार आयताकार होना चाहिए। इसकी लंबाई 3 फ़ीट और चौड़ाई 2 फ़ीट होती है। तिरंगे में केसरिया रंग हमेशा ऊपर जबकि हरा रंग नीचे होना चाहिए। ऐसा नहीं करना तिरंगे का अपमान माना जाता है। तिरंगा सिर्फ ऊनी, सूती या सिर्फ खादी से ही बना होना चाहिए।
शायद आपको पता न हो लेकिन जब तिरंगा फहराया जाता है तो उसे इस प्रकार फहराया जाना चाहिए कि वक्त तिरंगे के दाहिने ओर खड़ा होना चाहिए। साथ ही झंडे को वक्ता के पीछे दीवार के साथ और उससे ऊपर लेटी हुई स्थिति में प्रदर्शित किया जाए।
तिरंगे से ऊंचा या फिर उसके बराबर कोई और झंडा नहीं होना चाहिए। इसके अलावा कोई भी चीज झंडे के पोल के ऊपर नहीं रखी जानी चाहिए।
तिरंगे को कोई भी रुमाल, कपड़े या फिर फैशन की तरह से इस्तेमाल नहीं कर सकता है।