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'कामचोर' कर्मचारियों से निपटने के लिए पनवेल एमएनपी ने उठाया यह कदम


'कामचोर' कर्मचारियों से निपटने के लिए पनवेल एमएनपी ने उठाया यह कदम
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देश की सबसे बड़ी म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन बीएमसी अपने यहां अभी कर्मचारियों की हाजिरी के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम का उपयोग कर रही है जबकि मुंबई से कुछ ही दुरी पर स्थित पनवेल एमएनपी ने अपने सभी कर्मचारियों की 'फेस-डिटेक्टर' जैसी अत्याधुनिक प्रणाली से हाजिरी लेनी शुरू कर दिया है। आशा जताई जा रही है कि इससे प्रशासनिक कामकाज में तेजी आएगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पनवेल एमएनपी ने अपने मुख्यालय, प्रभाग व विभाग कार्यालयों समेत कुल 21 स्थानों पर 'फेस-डिटेक्टर' मशीन लगाया है। यही नहीं अभी 60 मशीनें और भी खरीदें जाएंगे। इस समय पनवेल एमएनपी में 700 के आसपास अधिकारी व कर्मचारी कार्यरत हैं। अब कर्मचारियों को इसी चेहरा पहचानने वाली इन्हीं मशीनों से अपनी ड्यूटी पर उपस्थिति दर्ज करानी होगी। पनवेल एमएनपी के इस कदम से कामचोर और लेट-लतीफ एमएनपीकर्मियों पर लगाम लग जाएगी। इस प्रणाली के माध्यम से अब एमएनपी के विभागों में समस्त एमएनपीकर्मी समय से पहुंचेंगे और समय से काम करने के बाद अपनी ड्यूटी समाप्त कर घर जाएंगे। 

इसके पहले जब बायोमेट्रिक मशीन से हाजिरी ली जाती थी तो बहुत से एमएनपी अधिकारी और कर्मचारी अपनी उंगलियों में चोट लगने या कई अन्य कारणों को बताते हुए रजिस्टर प्रणाली (मैन्युअल) से हाजिरी लगाते थे। उनका रेकॉर्ड भी डिजिटल की जगह लिखित में ही होता था, लेकिन अब चेहरा पहचान प्रणाली मशीन आ जाने से कामचोर एमएनपीकर्मियों की यह चाल नहीं चलेगी। इस इस आधुनिक मशीन में अपनी हाजिरी दर्ज कराने के लिए सभी एमएनपी कर्मियों को अपना चेहरा दिखाना अनिवार्य होगा। अन्यथा उनकी उपस्थिति दर्ज नहीं हो सकेगी।

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