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टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज ने की जेंडर-न्यूट्रल हॉस्टल की शुरुआत !

लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांजेंडर, क्विर के साथ अन्य छात्र भी रह सकते हैं साथ!

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज ने की जेंडर-न्यूट्रल हॉस्टल की शुरुआत !
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सुप्रीम कोर्ट के अनुच्छेद 377 पर फैसले के बाद अब धीरे धीरे कई और सामाजिक संस्थाओं ने इस ओर कदम बढ़ाया है। मुंबई का टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज देश का पहला इंस्टीट्यूट बन गया है, जिसने जेंडर-न्यूट्रल हॉस्टल की शुरुआत की है। इस हॉस्टल में लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांजेंडर, क्विर के साथ-साथ अन्य छात्र भी साथ रह सकते हैं।

अन्य हॉस्टल्स की तरह इस हॉस्टल में भी पहले सामान्य छात्रों के हॉस्टल में एलजीबीटीक्यू नहीं रह सकते थे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एलजीबीटीक्यू लोगों को भी एक साथ रहने का कानूनी अधिकार मिल चुका है। कॉलेज प्रशासन ने कुछ दिन पहले ही जेंडर-न्यूट्रल हॉस्टल की अधिसूचना जारी की। कॉलेज के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित हॉस्टल अब हर लिंग के छात्रों का अड्डा बन चुका है। फिलहाल 20 छात्रों वाले इस हॉस्टल में 17 छात्र ही रह रहे हैं।

हॉस्टल का नाम है इंद्रधनुष

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज ने इस हॉस्टल को इंद्रधनुष नाम दिया है। यहां इंद्रधनुष की तरह रंगीन झंडे, स्कार्फ और पोस्टर लगे हुए देखे जा सकते हैं। हॉस्टल में दो सीट वाले 10 कमरे ट्रांसजेंडर व उनके सहयोगियों के हैं। यहां छात्रों के रहने की हर सुविधा मौजूद है।


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