आप अचरच में पड़ गए होंगे कि बाइक, कार और ट्रेन जैसे वाहन हवा से कैसे चल सकते हैं। पर यह सच है, ईंधन से चलने वाले हर तरह के वाहन अब हवा के साथ हवा की तरह दोड़ते नजर आएंगे। अब इन वाहनों को डीजल, पेट्रोल या फिर सीएनजी की आवश्यक्ता नहीं पड़ेगी। और जितनी मर्जी हो उतनी दूरी इन वाहनों द्वारा हवा रूपी ईंधन के माध्यम से तय की जा सकती है। यह दावा है वड़ोदरा (गुजरात) निवासी हाजीभाई अहमदभाई सुमरा का। उन्होंने इस शोध को अपनी जिंदगी के 30 साल दिए हैं।
हाजीभाई का दावा है कि उनके द्वारा निर्मित इंजन से 10 साल पहले ऐम्बस्डर कार को हवा भरकर 2 हजार किमी चलाया गया था। उस समय उनकी शोध 90 फीसदी सफल थी। अब यह 100 फीसदी सफल है।
हाजीभाई का कहना है, आपकी सायकल, बाइक, कार व भारी वाहनों जैसे बस, ट्रक, ट्रेन, शिप आदि में फ्यूल टैंक की जगह एयर टैंक बैठाया जाएगा। जिसमें एक बार कंप्रेशर से सामान्य हवा भरी जाएगी, जो कि अपने वातावरण में मौजूद है। उसके बाद यह हवा जितनी खर्ज होगी, उतनी ही टैंक में जमा होती जाएगी। यानी कि लाइफ में एकबार हवा भराने की आवश्यक्ता पड़ेगी और जितनी मर्जी उतना वाहन को मुफ्त में दौड़ाया जा सकता है।
हवा से वाहनों को चलाने के लिए खास तरह का इंजन होगा। हालांकि यह दिखने में सामान्य इंजन कि ही तरह होगा पर यह काम थोड़ा अलग ढ़ंग से करेगा। साथ ही हाजीभाई का कहना है कि सामान्य इंजन की तुलना में यह इंजन थोड़ा मेहंगा जरूर होगा। इंजन टैंक से हवा लेगा और उसे ऐनर्जी में एक खास विधि के तहत परिवर्तित करेगा। और आपका वाहन हवा के साथ हवा की तरह चलने लग जाएगा।
आपको बता दें कि किसी भी शोध को रजिस्टर्ड कराने के लिए पेटेंट में जाना पड़ता है, हाजी भाई ने 2011 में पेटेंट के लिए अप्लाई किया था। अभी भी कुछ औपचारिकताएं बांकी हैं, साल के आखिर में औपचारिकताएं पूरी हो जाएंगी। हाजीभाई का कहना है, इनके पूरे होते ही हवा से चलने वाले इंजन का प्रोडक्शन शुरु कर दिया जाएगा।
अगर सबकुछ ठीक रहा तो गुजरात के एक शोरूम में आपको हवा से चलने वाली कार खड़ी मिलेगी। हाजीभाई का कहना है, सरकार की तरफ से सारी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद इस साल के आखिर में गुजरात के शोरूम में खड़ी हो जाएगी हवा से चलने वाली कार जिसका आप लुत्फ उठा सकेंगे।
हाजीभाई चाहते हैं कि उनकी शोध के बारे में पूरी दुनियां जाने इसलिए, उन्होंने मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। वे मानते हैं मुंबई से बैठकर हर जगह अपनी आवाज पहुंचाई जा सकती है। साथ ही उनका कहना है कि पहले वे देशवासियों को हवा से चलने वाले वाहन का तौफा देना चाहते हैं।
अगर सबकुछ सही रहा तो कुछ समय में ही लोग डीजल, पेट्रोल और सीएनजी को भूल जाएंगे। हमारे चारो तरफ सिर्फ और सिर्फ हवा से चलने वाले वाहन नजर आएंगे। जिसके लिए पैसा भी खर्ज नहीं होगा और वातावरण भी प्रदूषित नहीं होगा।