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बेस्ट किराए पर लेगी बस, कर्मचारी संगठन उतरे विरोध में


बेस्ट किराए पर लेगी बस, कर्मचारी संगठन उतरे विरोध में
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घाटे में चल रही बेस्ट ने आर्थिक सुधार के तहत प्राइवेट बसों को किराए पर चलाने का निर्णय लिया है। अब बेस्ट के इस निर्णय का खुद बेस्ट के कर्मचारी ही विरोध तो कर ही रहे हैं साथ ही खुद बेस्ट वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष शशांक राव भी इसका विरोध कर रहे  हैं। कर्मचारियों को डर है कि बेस्ट को 'प्राइवेट हाथों' में दिया जा रहा है।  

क्या है मामला?
आपको बता दें कि आर्थिक घाटे से बाहर निकलने के लिए बेस्ट कई उपाय कर रही है साथ ही बेस्ट बीएमसी से भी आर्थिक पैकेज की मांग भी कर रही है। इसी आर्थिक सुधार के तहत बेस्ट ने किराए पर बसों को लेकर चलाने का निर्णय किया है। लेकिन बेस्ट के ड्रायवर सहित कई कर्मचारी और बेस्ट यूनियन के कई संगठन भी इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं। विरोध कर रहे लोगों को आशंका है कि बेस्ट का प्राइवेटाइजेशन यानी निजीकरण करने की कोशिश की जा रही है. इसके खिलाफ कोर्ट में याचिका भी दाखिल की गयी है।

इस मुद्दे पर गुरुवार को बेस्ट प्रबंधक डॉ. सुरेंद्र कुमार बागडे और बेस्ट वर्कर्स युनियन की तरफ से शशांक राव के बीच बैठक भी हुई।  इस बैठक में प्रशासन ने स्पष्ट किया कि बेस्ट को वित्तीय संकट से बाहर निकलने के लिए ऐसा प्रयास किया जा रहा है।

बेस्ट प्रशासन ने स्पष्ट किया कि अगर सड़कों पर बेस्ट 1,000 एसी मिडी और मिनी बस सेवा उतारती है तो इससे अधिक यात्रियों को सेवा मिलेगी और बेस्ट को अधिक राजस्व मिलेगा। इसी प्रकार बेस्ट ने बताया कि समय पर श्रमिकों को ग्रैच्युइटी, वेतन सहित अन्य रियायतें और भुगतान पर भी चर्चा की, लेकिन कई मुद्दों पर आम सहमति नहीं हो पाने के कारण कर्मचारियों का ही नुकसान होगा।

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