जब से कोरोना वायरस (Coronavirus) ने भारत में दस्तक दी है इससे भारतीय रेल (indian railway) भी प्रभावित हुई है। श्रमिक एक्सप्रेस (shramik express) को छोड़कर देश भर में यात्री ट्रेनों का परिचालन बंद है। मुंबई के पश्चिम रेलवे (western railway) को देश मे सबसे अधिक कमाई करने वाली रूटों में से एक माना जाता है। लेकिन कोरोना वायरस (Covid-19) के कारण लगने वाला लॉकडाउन(lockdown) से यहां भी लोकल सहित मेल, एक्सप्रेस जैसी यात्री ट्रेनों का परिचालन बंद किया गया है।
हालांकि पश्चिम रेलवे विशेष रूप से प्रवासी मजदूरों और देश के विभिन्न हिस्सों में लॉकडाउन के कारण अटके हुए लोगों के लिए विशेष रेलगाड़ियाँ चलाने के अलावा पार्सल विशेष ट्रेनें और मालगाड़ियाँ भी निरंतर चला रही है।
कोरोना लॉकडाउन के जैसे इस कठिन समय में भी पश्चिम रेलवे अपनी पार्सल और माल गाड़ियों के साथ अत्यावश्यक वस्तुएं देश भर में उपलब्ध करा रही है। गौरतलब है कि, 23 मार्च से 21 मई 2020 तक, पश्चिम रेलवे द्वारा 251 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से 38 हज़ार टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं का परिवहन किया गया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाएं, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी रविन्द्र भाकर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस परिवहन के माध्यम से उत्पन्न आय, लगभग 11.47 करोड़ रुपये रही है। इस परिवहन के तहत, पश्चिम रेलवे द्वारा 31 मिल्क स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं, जिनमें 22,700 टन से अधिक का भार था और वैगनों के 100% उपयोग से 3.91 करोड़ रुपये से अधिक की आय हुई।
इसी प्रकार, आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए 216 कोविड -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी चलाई गईं, जिनके लिए अर्जित राजस्व लगभग 6.78 करोड़ रुपये रहा।
भाकर ने बताया कि 22 मार्च से 21 मई, 2020 तक पार्सल विशेष गाड़ियों के अलावा, कुल 4333 रेक मालगाड़ियों का भी उपयोग किया गया है, जिनके माध्यम से 8.65 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित की गई। पार्सल वैन / रेलवे दूध टैंकरों (आरएमटी) के 252 मिलेनियम पार्सल रेकों को आवश्यक सामग्री जैसे दूध पाउडर, तरल दूध, चिकित्सा आपूर्ति और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं की मांगों का सामना करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा गया है।
उन्होंने बताया कि 22 मई, 2020 को देश के विभिन्न हिस्सों के लिए पश्चिम रेलवे से कुल पाॅंच पार्सल विशेष ट्रेनें रवाना हुईं, जिनमें पोरबंदर- शालीमार, बांद्रा टर्मिनस - लुधियाना, भुज - दादर, कांकरिया - फतुहा और करम्बेली - नई गुवाहाटी विशेष गाड़ियॉं शामिल हैं।
उन्होंने आगे कहा कि मार्च, 2020 के बाद से उपनगरीय और गैर-उपनगरीय सहित सम्पूर्ण पश्चिम रेलवे पर कुल कमाई में लॉकडाउन के कारण अनुमानित घाटा 971.42 करोड़ रुपये रहा है। इसके बावजूद, अब तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप, पश्चिम रेलवे ने 278.78 करोड़ रुपये की रिफंड राशि वापस करना सुनिश्चित किया है।
गौरतलब है कि इस रिफंड राशि में अकेले मुंबई डिवीजन ने 134.17 करोड़ रुपये का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 42.86 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार उनकी वापसी राशि प्राप्त की है।