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ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल का चौथा दिन , मिलाजुला असर!

ट्रांसपोर्टर डीजल के दामों को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग कर रहे है।

ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल का चौथा दिन , मिलाजुला असर!
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ट्रक ऑपरेटरों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के चौथे दिन भी इस हड़ताल का मिलाजुला असर दिखनें को मिल रहा है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के तत्वावधान में ट्रांसपोर्टरों ने 20 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की थी। वे डीजल को जीएसटी के तहत लाने की मांग कर रहे हैं ताकि इसकी कीमतों में कमी आ सके।

सरकार से हस्तक्षेप करने का आग्रह
एआईएमटीसी ने विभिन्न मांगों के समाधान के लिए सरकार से हस्तक्षेप करने का निवेदन किया है।हड़ताल के चौथे दिन भी सरकार की तरफ से बातचीत का कोई संकेत नहीं मिला है। एआईएमटीसी का दावा है कि करीब 93 लाख ट्रक उससे जुड़े हैं।

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क्या है मुख्य मांगे
डीजल के दामों को जीएसटी के दायरे में लाने के अलावा ट्रांसपोर्टर टोल संग्रह व्यवस्था को सुधारने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि टोल संग्रह व्यवस्था की खामियों के कारण समय और ईंधन की बर्बादी से सालाना 1.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। ना ही नहीं ट्रांसपोर्टर अप्रत्यक्ष करों में कमी करने, सभी बसों और ट्रकों को राष्ट्रीय परमिट देने और सीधे बंदरगाह तक सामान पहुंचाने की व्यवस्था को खत्म करने की मांग कर रहे हैं।


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