दूसरी बार, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के मद्देनजर नागरिकों को संबोधित किया। इस समय, उन्होंने कहा कि घर पर रहना कोरोना वायरस से निपटने का एकमात्र तरीका था। साथ ही, 21 दिनों के लिए देश भर में तालाबंदी की घोषणा की गई। इसके कारण, देश में यात्री रेल सेवाएं जो 3 1मार्च तक के लिए बंद कर दी गई हैं, 14 अप्रैल तक बंद रहने का निर्णय लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद रेलवे प्रशासन ने यह निर्णय लिया है।
रेलवे प्रशासन ने 14 अप्रैल तक मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर रेलवे को बंद रखने का फैसला किया है। रेलवे ने स्पष्ट कर दिया है कि देश में यात्री यातायात बंद होने के बावजूद भी मालवाहक जारी रहेगा। इससे पहले, रेलवे प्रशासन ने 31 तक मालगाड़ी ट्रेन को छोड़कर सभी पैसेंजर ट्रेनों और मेल को रद्द करने का फैसला किया था।
इसमें उपनगरीय सेवाएं भी शामिल थीं। इस बीच इस संबंध में IRCTC द्वारा एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया गया है। यात्रियों को अपने बुक किए गए टिकटों को ऑनलाइन रद्द नहीं करना चाहिए, उन्हें सूचित किया जाता है कि उन्हें टिकट की राशि दी जाएगी। रेलवे प्रशासन ने कहा है कि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति जारी रहेगी भले ही देश में रेल सेवाएं ठप हों।
यह समझा जाता है कि अनाज, नमक, खाद्य तेल, चीनी, दूध, फल, सब्जियां, प्याज, कोयला और पेट्रोलियम उत्पादों के 474 रैक 23 मार्च को दाखिल किए गए हैं। कोरोना से निपटने के लिए रेलवे बोर्ड ने सरकार के साथ सहयोग करने का निर्णय लिया है।