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इंटरनेशनल उड़ानों पर 31 मार्च तक लगी रोक

कोरोना के कारण भारत सरकार ने 2 जून, 2020 से ही उड़ानों पर प्रतिबंधित लगा दिया है। तब से, प्रतिबंध समय-समय पर बढ़ाया ही जा रहा है।

इंटरनेशनल उड़ानों पर 31 मार्च तक लगी रोक
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देश में कोरोना (Covid19) के खतरे को देखते हुए फिर से स्तिथि गंभीर होती नजर आ रही है।कोरोना के मद्देनजर, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने 31 मार्च तक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही भारत की तरफ से वाणिज्यिक उड़ानों पर प्रतिबंध बढ़ा दिया गया है।

इस बाबत डीजीसीए (dgca) ने शुक्रवार को नोटिस जारी किया। डीजीसीए ने कहा है कि, अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध 28 फरवरी को समाप्त होने वाला था। लेकिन अब इस प्रतिबंध को बढ़ाकर 31 मार्च तक कर दिया गया है।हालांकि, मालवाहक उड़ानों और एयर बबल पैक्ट (सरकारी एयरलाइंस कंपनियों को अस्थाई मंजूरी) के तहत कुछ चयनित देशों के लिए विशेष मंजूरी दी गई है।

चुने गए मार्गों को अंतर्राष्ट्रीय समयानुसार विशिष्ट परिस्थितियों में अनुमति दी जा सकती है। इसके अलावा, कार्गो उड़ान और DGCA द्वारा मंजूर उड़ानों पर नए नियम लागू नहीं होंगे।

कोरोना (Corona virus) के कारण भारत सरकार ने 2 जून, 2020 से ही उड़ानों पर प्रतिबंधित लगा दिया है। तब से, प्रतिबंध समय-समय पर बढ़ाया ही जा रहा है। हालांकि कुछ महीने पहले घरेलू उड़ानें शुरू की गई हैं, लेकिन वह पहले से भी कम है।

एयर बबल पैक्ट क्या है?

एयर बबल पैक्ट (air bubble pact) एक ऐसी व्यवस्था है, जिसके तहत भारत और अन्य देशों के बीच कोरोना काल में कुछ नियमों और शर्तों के अधीन उड़ानों की अनुमति देती है। भारत ने अब तक 27 देशों के साथ एयर बबल पैक्ट्स पर हस्ताक्षर किए हैं। इनमें अफगानिस्तान, बहरीन, बांग्लादेश, भूटान, कनाडा, इथियोपिया, फ्रांस, जर्मनी, इराक, जापान, केन्या, कुवैत, मालदीव, नेपाल, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, कतर, रवांडा, सेशेल्स, तंजानिया, यूक्रेन, यूएई, यूके और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देश शामिल हैं।

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