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आचार संहिता खत्म होने के बाद रेल के कामों को मिल सकती है तेजी

सोमवार को एमयूटीपी-3 की प्रगति पर राज्य सरकार और मुंबई रेल विकास निगम (एमआरवीसी) की एक बैठक हुई।

आचार संहिता खत्म होने के बाद रेल के कामों को मिल सकती है तेजी
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लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद देश में लगी आचार संहिता अब खत्म हो चुकी है। आचार संहिता खत्म होने के बाद अब राज्य सरकार ने रेलवे और अन्य मुलभुत सुविधाओं के कार्यों में तेजी लाने का फैसला किया है।   सोमवार को एमयूटीपी-3 की प्रगति पर राज्य सरकार और मुंबई रेल विकास निगम (एमआरवीसी) की एक बैठक हुई। जिसमें मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने राज्य में चल रहे मेट्रो और रेलवे के कार्यों का जायजा लिया।   मुंबई उपनगरीय रेलवे के लिए पश्चिम रेलवे पर विरार से डहाणू के बीच दो और पटरियां बिछाना और पनवेल-डहाणू के बीच नया कॉरिडोर बनाना जरूरी है।


इस बैठक में एमयूटीपी के अलग अलग प्रॉजेक्ट्स पर बात हुई लेकिन खासतौर पर पनवेल-कर्जत और विरार-डहाणू प्रॉजेक्ट पर बात हुई। इन दोनों प्रॉजेक्ट्स के लिए रेलवे की जमीन तैयार है, लेकिन अभई भी कुछ हिस्सों पर अधिग्रहण करना बाकी है। विरार-डहाणू रूट पर दो और लाइन बिछाने के लिए 48 हैक्टेयर्स और पनवेल-कर्जत कॉरिडोर के लिए 72 हैक्टेयर्स भूमि अधिग्रहण करना है

MUTP-3 परियोजना


पनवेल-कर्जत उपनगरीय मार्ग (28 किमी) - 2782
एरोली-कलवा एडवांस्ड रोड (4 किमी) - 476
विरार-डहानू रोड फोर-लेन (64 किमी) - 3578
वातानुकूलित लोकल  (565 कोच) - 3491
रूट क्रॉसिंग कंट्रोल (मध्य रेलवे - 18 स्थान, पश्चिम रेलवे स्थान) - 551
तकनीकी सहायता - 69

कुल खर्च- 10, 947 करोड़

अब तक कितने पैसे मिले

2019-20: 284 करोड़

 2018-19: 519 करोड़

 2017-18: 411 करोड़

 2016-17: 5 करोड़

2015-16: 1 करोड़

यह भी पढ़े- MUTP-3 के लिए कर्ज देने से विश्वबैंक ने किया इनकार

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