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ओला उबर की हड़ताल फिर शुरू, सोमवार को निकालेंगे मोर्चा

गौरतलब है कि इसके पहले भी अपनी मांगों को लेकर मुंबई में ओला-ऊबर ड्राइवरों ने 22 अक्टूबर से 2 नवंबर तक हड़ताल की थी तब राज्य परिवहन मंत्री दिवाकर रावते के हस्तक्षेप के बाद इसे वापस ले लिया गया था।

ओला उबर की हड़ताल फिर शुरू, सोमवार को निकालेंगे मोर्चा
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मुंबई सहित नवी मुंबई और ठाणे के लगभग 30 हजार ओला उबर चालकों की हड़ताल से एक बार फिर पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर असर पड़ा है। शनिवार रात से शुरू हुई इस हड़ताल के कारण रविवार की सुबह बहुत कम ओला उबर के टैक्सी उपलब्ध थे जिसके चलते यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा और कैब बुक करने के बाद लंबा इंतजार करना पड़ा। इतना ही नहीं, कम उपलब्धता के चलते कैब का फेयर भी सामान्य से दोगुना तक वसूला गया। इसके पहले हुई हड़ताल में अपनी मांग मनवाने के लिए दिवाली का समय दिया गया था लेकिन सरकार की तरफ से ओला उबर टैक्सी चालकों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसीलिए अब कैब ड्राइवर अपनी मांगों को लेकर फिर से हड़ताल पर हैं और उनकी मांग है कि राज्य सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे। 

'निकालेंगे मोर्चा' 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ यूनियन लीडर गोविंद मोहिते ने बताया कि, अधिकांश ओला उबर चालक अपनी मर्जी से हड़ताल में शामिल हैं। उन्होंने आगे बताया कि हम सोमवार को भारत माता से लेकर विधानसभा तक मोर्चा निकालेंगे और राज्य सरकार को अपना मांग पत्र सौंपेंगे। 

'कई ड्राइवर भूखे मरने की नौबत में'
तो वहीं महाराष्ट्र राज्य राष्ट्रीय कामगार संघ नेता सचिन अहीर ने कहा कि हम सीएम देवेंद्र फडणवीस से बात करना चाहते हैं और चाहते हैं कि वे ड्राइवरों की दिक्कत समझें। उन्होंने आगे कहा कि हजारों परिवारों पर इसका असर पड़ रहा है और कितने ही ड्राइवर ईएमआई भरने की कोशिश में लगे हैं, कई ड्राइवर भूखे मरने की नौबत में हैं। 

गौरतलब है कि इसके पहले भी अपनी मांगों को लेकर मुंबई में ओला-ऊबर ड्राइवरों ने 22 अक्टूबर से 2 नवंबर तक हड़ताल की थी तब राज्य परिवहन मंत्री दिवाकर रावते के हस्तक्षेप के बाद इसे वापस ले लिया गया था। 

ओला उबर चालकों की मांगें इस प्रकार है- 

  • 'मिनी', 'माइक्रो', 'गो' गाड़ियों में 12 रुपये प्रति कि.मी, बेस फेयर 50 रुपये और प्रतीक्षा  के लिए अतिरिक्त दो रुपये मिलने चाहिए।
  • 'प्राइम', 'सेडान' 15 रुपये प्रति कि.मी, आधार शुल्क 75 रुपये और 3 रुपये प्रतीक्षा अवधि के लिए मिलने चाहिए।
  • 'एक्सएल', 'एक्सयूवी', 1 9 रुपये प्रति कि.मी, बेस फेयर 100 रुपये और चार रुपये प्रतीक्षा अवधि के लिए मिलने चाहिए।
  • कंपनी को कमीशन का 15% अधिभार रद्द करना चाहिए।
  • शेयर, पुल, माइक्रो में भी दरों की वृद्धि हो।

 

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