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हटा ‘डॉल्बी’ की घटा !


हटा ‘डॉल्बी’ की घटा !
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राज्य के गृह निर्माण राज्य मंत्री रविंद्र वायकर ने बप्पा के भक्तों से अपील की है कि डॉल्बी की जगह देशी बैंड का इस्तेमाल करें। पिछले कुछ सालों में डॉल्बी की गड़गड़ाहट गणेशोत्सव का अभिन्न अंग बन गई है। लोग पारंपरिक ढोल नगाड़ा को छोड़ डॉल्बी को महत्व देने लगे हैं।
इस साल भी ज्यादातर गणेशोत्सव मंडलों में डॉल्बी का ही क्रेज नजर आ रहा है। इसकी रंगबिरंगी रोशनी तेज आवाज युवा को ज्यादा पसंद आ रही है। पर यह ध्वनि सामान्य नागरिकों को इरिटेट करने वाली होती है। देखा जाए तो डॉल्बी खर्चीला भी बहुत ज्यादा है। एक दिन के लिए इसपर 3-4 लाख खर्चना पड़ता है। इसलिए अपनी परंपरा को आगे ले जाने के मकसद से वायकर ने भक्तों से पारंपरिक वाद यंत्रों का उपयोग करने की अपील की है। 

 

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