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फिल्म रिव्यू: ‘तितली’ के अलावा फिल्म से बहुत कुछ ‘मिसिंग’

मनोज बाजपेयी और तब्बू स्टारर थ्रिलर फिल्म 'मिसिंग' रिलीज हो चुकी है। फिल्म का जैसा नाम है वैसा ही काम भी है। फिल्म की बच्ची 'तितली' के साथ साथ फिल्म से बहुत कुछ 'मिसिंग' है।

फिल्म रिव्यू:  ‘तितली’ के अलावा फिल्म से बहुत कुछ ‘मिसिंग’
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फिल्मः मिसिंग
डायरेक्टरः  मुकुल अभ्यंकर
कास्टः मनोज बाजपेयी, तब्बू, अन्नू कपूर
रेटिंगः 2/5 स्टार

बॉलीवुड में थ्रिलर फिल्मों के लिए जगह थोड़ा कम ही नजर आती है, क्योंकि कारोबार के मामले में ये फिल्में उतनी सफल नहीं होती जितनी सलमान खान टाइप फिल्में जो बिना किसी स्टोरी के भी 300 करोड़ कमाने का भी दम रखती हैं। पर एक बात जरूर है कोई कोई थ्रिलर फिल्म अपनी छाप छोड़ जाती है। 1999 में मनोज बायपेयी और उर्मिला मातोंडकर स्टारर फिल्म ‘कौन’ रिलीज हुई थी, जिसे राम गोपाल वर्मा ने डायरेक्ट किया था। इस फिल्म में जो एक्टिंग और सस्पेंस देखने को मिला था, कुछ उसी तरह का सस्पेंस मुकुल अभ्यंकर ने अपनी फिल्म ‘मिसिंग’ में डालने की कोशिश की है।
सुशांत दुबे (मनोज बाजपेयी), अपर्णा (तब्बू) और 3 साल की बच्ची तितली रात को 1 बजे मॉरीशस के एक रिजॉर्ट में चेक इन करते हैं। बच्ची बीमार है और रात को रोने से दूसरे गेस्ट की डिस्टर्ब होने की खबर भी है। पर सुबह जब सुशांत और अपर्णा की नींद खुलती है तो पता चलता है बच्ची गायब है। दोनों मिलकर बच्ची को खूब तलाशते हैं, रिजॉर्ट का स्टाफ भी तलाशता है, पर बच्ची का कुछ पता नहीं चलता। इस केस को हैंडल करने के लिए इंडो पुलिस अफसर राम खिलावन बुद्धू (अन्नू कपूर) की एंट्री दो सहकर्मियों के साथ होती है। पर केस सुलझने की बजाय उलझता जाता है। सुशांत तितली के बारे में कुछ जानकारी देता है और अपर्णा कुछ और पर सवाल ये है कि क्या तितली नाम की कोई बच्ची रहती भी है या कोई वहम रहता है? अगर बच्ची थी तो कहां गई? इनके जवाब आपको फिल्म देखने के बाद ही मिल पाएंगे।
फिल्म का फर्स्ट हाफ सस्पेंस से भरा है, पर सेकंड हाफ में कड़ियां जोड़ना मुश्किल हो जाता है। फिल्म में तितली के साथ साथ बहुत सारी चीजें भी मिसिंग हैं। ऐसा लगता है कि कुछ सीन्स को डायरेक्टर कट करना भूल गए हैं।  
मनोज बाजपेयी की एक्टिंग का तो वैसे भी जवाब नहीं होता पर ‘मिसिंग’ में उनके हर तरह के इमोशन्स नजर आए हैं, कभी उनका फ्लर्टिंग अंदाज हंसी भी दिलाता है, तो कभी एक पति, पिता की पीड़ा स्सपेंस क्रिएट करती है, तो कभी अपने ही जवाब में फंसने वाले सीन्स सोच से भी परे हैं। तब्बू अपने किरदार में बेहतरीन दिखी हैं। अन्नू कपूर के किरदार वाला नाम ही दर्शकों को हंसने के लिए मजबूर करेगा। उनकी टायमिंग लाजवाब है।
मुकुल अभ्यंकर ने इस फिल्म से डायरेक्शन में डेब्यू किया है। संगीतकार एम एम करीम का संगीत थ्रिलर फिल्म के अनुसार ठीक ठाक बैठता है, बीच बीच में हॉरर वाली फीलिंग भी देता है। जो समझ से परे है।  
अगर आप मनोज बाजपेयी और तब्बू के जबरा फैन हैं और थ्रिलर फिल्में पसंद हैं तो इस फिल्म को एक बार देख सकते हैं। 

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