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इस महान एक्टर को समझा गया रियल लाइफ विलेन, प्राण नाम रखना हुआ था बैन!

प्राण ने कहा था कि मेरी विलेन की इमेज इतनी मजबूत बनी थी कि मैं कहीं भी जाता तो लोग गद्दार, गुंडा, दरिंदा कहकर बुरा भला कहते थे। पर मुझे उससे कोई फर्क नहीं पड़ता था। उल्टा मेरा किरदार और मजबूत होता था।

इस महान एक्टर को समझा गया रियल लाइफ विलेन, प्राण नाम रखना हुआ था बैन!
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‘यारी है ईमान मेरा यार मेरी जिंदगी’ और ‘कसमें वादे प्यार वफा सब, बातें हैं बातों का क्या’ आप किसी भी एज ग्रुप के हौं पर आपने ये गाने जरूर सुने और गुनगुनाए होंगे। ये गाने बॉलीवुड के मशहूर एक्टर प्राण ने गाए थे। जिनका पूरा नाम प्राण कृष्ण सिकंद है। प्राण का आज के ही दिन 12 फरवरी 1920 में जन्म हुआ था। उनके फिल्मी करियर की शुरुआत पंजाबी फिल्म ‘यमला जट’ से हुई थी। इसमें उन्हें विलेन का किरदार मिला था। प्राण ने 350 से भी अधिक बॉलीवुड फिल्मों मे काम किया है। और उन्होंने कुछ फिल्मों को छोड़कर बाकी सभी फिल्मों में विलेन का ही किरदार निभाया है।

उनकी जोड़ी राज कपूर, देवानंद, राजेश खन्ना से लेकर शम्मी कपूर, धर्मेंद्र और बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ खूब जमी थी। उन्होंने स्क्रीन पर ना जाने कितने रेप किए थे। जिसकी वजह से लोग उन्हें रियल लाइफ में भी विलेन समझने लगे थे। लड़कियां तो उनसे डरती और नफरत करती ही थी, साथ ही लोगों ने अपने बच्चों को प्राण नाम रखना ही बंद कर दिया था।

2004 में एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में प्राण ने कहा था कि मेरी विलेन की इमेज इतनी मजबूत बनी थी कि मैं कहीं भी जाता तो लोग गद्दार, गुंडा, दरिंदा कहकर बुरा भला कहते थे। पर मुझे उससे कोई फर्क नहीं पड़ता था। उल्टा मेरा किरदार और मजबूत होता था।

प्राण ने अपनी आत्मकथा में भी इस बात का उल्लेख किया है। उन्होंने एक किस्सा बताया है कि वे एकबार दिल्ली अपने दोस्त के यहां गए हुए थे। पर जब दोस्त की बहन कॉलेज से घर आई और दोस्त ने हमारा इंट्रोडक्शन कराना चाहा तो वह मुंह फिराकर रूम में चली गई। इस घटना के बाद मैं होटल आ गया। बाद में दोस्त ने फोन करके मुझे बताया कि मेरी बहन बोल रही थी कि घर मैं ऐसे गुंडे बदमाश लोगों को लेकर मत आया करो।

पहले हम सिनेमा को पर्सनल लाइफ के साथ जोड़कर देखते थे। आज समय बदल चुका है, और हीरो भी विलेन का कैरेक्टर प्ले करता है, पहले ऐसा नहीं था। तभी तो दर्शकों ने प्राण साहब को निजी जिंदगी में भी विलेन समझा था। पर निजी जीवन में वे बहुत ही सरल व्यक्ति थे। ‘पद्म भूषण’ और ‘दादा साहेब फालके’ के अलावा प्राण को बहुत सारे अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। 12 जुलाई 2013 में मुंबई में उनका निधन हो गया था। प्राण साहेब को हमेशा ही गौरव के साथ याद किया जाएगा।  

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