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कड़े विरोध के बीच पद्ममनी के इतिहास पर डाला गया पर्दा!

दरअसल राजपूत संगठनों ने आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को चेतावनी दी थी कि अगर यह पत्थर नहीं हटाया गया तो इसका बुरा परिणाम सबको भुगता पड़ेगा। उनकी इस चेतावनी के आगे सरकार नरम पड़ गई है। और पत्थर को ढक दिया। इससे पहले महल में कुछ शीशे भी लगे थे। मानना था कि इन्ही शीशों से अलाउद्दीन ने रानी पद्मावती को देखा था। करणी सेना ने इसका विरोध किया था, पर जब शीशे नहीं हटाए गए तो इसे तोड़ दिया गया था।

कड़े विरोध के बीच पद्ममनी के इतिहास पर डाला गया पर्दा!
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संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ का विरोध दिन प्रतिदिन उग्र रुप धारण करता जा रहा है। शनिवार को करणी सेना, राजपूत संगठनों के विरोध के चलते भीलवाड़ा शहर बंद रहा और शनिवार को रानी पद्मनी के इतिहास पर ही पर्दा डालना पड़ा।

करणी सेना के सामने भारत सरकार भी कमजोर पड़ती नजर आ रही है। चित्तौड़गढ़, दुर्ग स्थित पद्मनी महल मं। एक पत्थर लगा है, जिस पर आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने लाल रंग के कपड़े से ढक दिया है। इस पत्थर में लिखा था कि यहां से अलाउद्दीन खिलजी ने रानी पद्मावती को देखा था।  

दरअसल राजपूत संगठनों ने आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को चेतावनी दी थी कि अगर यह पत्थर नहीं हटाया गया तो इसका बुरा परिणाम सबको भुगता पड़ेगा। उनकी इस चेतावनी के आगे सरकार नरम पड़ गई है। और पत्थर को ढक दिया। इससे पहले महल में कुछ शीशे भी लगे थे। मानना था कि इन्ही शीशों से अलाउद्दीन ने रानी पद्मावती को देखा था। करणी सेना ने इसका विरोध किया था, पर जब शीशे नहीं हटाए गए तो इसे तोड़ दिया गया था।

दरअसल संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ शुरुआत से ही विरोध झेल रही है। इसकी रिलीज डेट भी काफी आगे बढ़ गई है। अब यह फिल्म शायद से अगले साल फरवरी में रिलीज होगी। पर करणी सेना इस फिल्म का पूरी तरह से विरोध कर रही है। करणी सेना का मानना है कि इस फिल्म में इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई है। इसलिए किसी भी हाल में इस फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे।

‘पद्मावती’ में दीपिका पादुकोण ने रानी पद्मनी, शाहिद कपूर ने राजा रावल रतन सिंह और रणवीर सिंह ने अलाउद्दीन खिलजी का किरदार निभाया है।

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